नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में रात में हुई हल्की-फुल्की बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को गंभीर से बहुत खराब की श्रेणी में आ गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया जो बहुत खराब की श्रेणी में आता है।
इसमें बताया गया कि दिल्ली के 28 इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई जबकि तीन इलाकों में यह खराब की श्रेणी में बनी रही।
दीपावली पर पटाखे जलाने के चलते प्रदूषण बढ़ने के बाद से दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर की श्रेणी के बीच झूल रही है। बुधवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 202 और पीएम 10 का स्तर 327 दर्ज किया गया।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।
बारिश से हवा की प्रदूषक तत्वों को जकड़े रहने की क्षमता बढ़ जाने और इसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंकाओं के बीच अधिकारियों ने बताया कि हल्की बारिश से प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक बुधवार को पीएम2.5 का संकेद्रण खराब श्रेणी में बना रहेगा। अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार तक यह बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी।
अर्बन एमिसन्स ने अनुमान जताया है कि बुधवार को प्रतिबंध हटने के बाद पीएम2.5 से होने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका ऊर्जा संयंत्रों एवं डीजल जनरेटरों की होगी जिनसे 19.6 प्रतिशत प्रदूषण होगा और इसके बाद 17.3 प्रतिशत प्रदूषण उद्योगों के उत्सर्जन से होगा। इसने अनुमान जताया है कि 15.9 प्रतिशत प्रदूषण घरेलू प्रदूषण के चलते होगा। (भाषा)