नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान ने गुरुवार को एक अदालत को बताया कि उसने पुलिस पर पिस्तौल क्यों तानी थी। शाहरुख ने अदालत को बताया कि उसने पुलिसकर्मी पर गोली नहीं चलाई और उसका इरादा पुलिसकर्मी को मारने का नहीं था बल्कि वह केवल डराना चाहता था। हालांकि, इस दावे पर अभियोजन पक्ष ने विरोध जताया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तस्वीर : पिछले साल हुए दंगों के दौरान पठान के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। शाहरुख पठान को 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है।
पठान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने यह दर्शाने के लिए कि पुलिसकर्मी की हत्या का प्रयास नहीं किया गया, अदालत में इस घटना का 26 सेंकड की एक वीडियो क्लिप चलाई। वकील ने कहा कि आरोपी ने दो राउंड गोली चलाई, जिसमें से एक हवा में जबकि दूसरी दाईं ओर चलाई गई।
उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपी की दहिया से बहस हुई और वह वापस लौट गया। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वकील को दोबारा वीडियो चलाने को कहा और हवा में गोली चलाए जाने से ठीक पहले पठान की पिस्तौल की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया।
जज बोले साध रहा है निशाना : न्यायाधीश ने कहा कि बंदूक (पिस्तौल) की स्थिति को देखिए। इसका निशाना सीधा है (दहिया पर)। जब वह निशाना साध रहा है, तो बंदूक सीधी है। हालांकि बचाव पक्ष की वकील ने स्पष्टीकरण दिया कि दोनों बार चलाई गई गोली का निशाना हेड कांस्टेबल नहीं थे। उन्होंने कहा कि राज्य का मामला दहिया पर आधारित है। वह संभावित पीड़ित हैं और उन पर गोली नहीं चलाई गई। पहली गोली हवा में और दूसरी गोली दाईं ओर चलाई गई।'
पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अनुज हांडा ने कहा कि आरोपी ने साफ तौर पर पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी थी। बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए हांडा ने कहा, ' बंदूक (पिस्तौल) को शिकायकर्ता के सिर से थोड़ा नीचे ताना गया। कई गोलियां चलाने के कारण पीछे हटने की वजह से उसका हाथ ऊपर की ओर जा रहा है।' (भाषा)