नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में चिकनगुनिया और डेंगू मामले से सही कदम नहीं उठाए जाने को लेकर दिल्ली सरकार को शुक्रवार को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर एवं न्यायमूर्ति यूयू ललित की खंडपीठ ने कहा कि सरकार यह कैसे कह सकती है कि अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। यह बेहद गंभीर आरोप है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करते हुए राज्य सरकार से कहा कि आपको इन अधिकारियों के नाम बताने होंगे।
न्यायालय ने कहा कि दिल्ली के लोगों को इस तरह छोड़ा नहीं जा सकता। राज्य सरकार सोमवार (3 अक्टूबर) तक इन अफसरों के नाम बताए। ये नाम सीलबंद लिफाफे में न हों। शीर्ष अदालत ने कहा कि आपने खुली अदालत में आरोप लगाए हैं, तो नाम भी खुली अदालत में बोलें।
दिल्ली सरकार की ओर से मंत्री सतेन्द्र जैन ने हलफनामा दर्ज कर कहा था कि अफसर जिम्मेदारी नहीं ले रहे, सारी फाइलें उपराज्यपाल के पास हैं और अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं, उपराज्यपाल सरकारी कामकाज में अड़ंगा लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में चिकनगुनिया और डेंगू मामले की सुनवाई हो रही है। उच्चतम न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया था। (वार्ता)