नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तकरीबन 64000 डीजल टैक्सियों के संचालन की सोमवार को सशर्त इजाजत दे दी। मुख्य न्यायाधीश तीरथसिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि ये टैक्सियां परमिट की अवधि समाप्त होने तक ही चलेंगी। उसके बाद इन टैक्सियों को सीएनजी या पेट्रोल पर आना पड़ेगा।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि टैक्सी के रूप में दिल्ली में कोई डीजल कार पंजीकृत नहीं होगी। ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली डीजल टैक्सियों को नया परमिट तभी दिया जाएगा, जब वे शपथ-पत्र देंगे कि लंबी दूरी के पर्यटन के लिए ही इन टैक्सियों का इस्तेमाल होगा, न कि राजधानी क्षेत्र में चलाने के लिए।
पीठ ने कल भी कहा था कि यह अजीब बात है कि ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सियां दिल्ली-एनसीआर में यात्रियों को प्वाइंट टू प्वाइंट ले जाने के लिए प्रयोग की जा रही हैं, जबकि ये परमिट एनसीआर से बाहर पर्यटकों को ले जाने के लिए दिया गया है।
न्यायालय ने बीपीओ कंपनियों द्वारा सीएनजी बसों के इस्तेमाल न किए जाने पर भी आश्चर्य जताया था। न्यायालय ने गत 1 मई से डीजल टैक्सियों के संचालन पर दिल्ली और एनसीआर में रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा है कि ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों को सुरक्षा और किराए के नियमों का पालन करना होगा। (वार्ता)