बेंगलुरु। गुरुवार को एक तरफ पूरा देश या यूं कहें कि पूरी दुनिया सूर्य ग्रहण के नजारे को देखने में मशगूल थी, वहीं कुछ लोग अपने विकलांग बच्चों को गर्दन तक मिट्टी में दफन कर उनके आसपास बैठे हुए थे।
यह वाकया कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के ताज सुल्तानपेट गांव का है, जहां 8 से 11 साल के 3 विकलांग बच्चों को गर्दन तक उन्हीं के परिजनों ने मिट्टी में दफन कर दिया था। इनमें एक लड़की एवं 2 लड़के हैं।
इस संबंध में परिजनों का मानना था कि ऐसा करने से बच्चों की विकलांगता और बीमारी खत्म हो जाएगी। अंधविश्वास की यह घटना पूरे देश में चर्चा का केन्द्र बनी हुई है। हालांकि कुछ फोटो में बच्चे रोते हुए भी दिखाई दे रहे हैं।
कलबुर्गी तालुका की तहसीलदार मालेशा के मुताबिक बच्चों की हालत स्थिर है। इस बीच, प्रशासन यह भी विचार कर रहा है कि बच्चों को इलाज के नाम पर प्रताड़ना देने वाले परिजनों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है।