बेंगलुरु। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली की कथित संलिप्तता वाले सेक्स स्कैंडल को लेकर लगातार तीसरे दिन बुधवार कर्नाटक विधानसभा में शोर शराबे के बीच वित्त विधेयक पारित किए गए। विपक्षी कांग्रेस के सदस्य विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में सोमवार से ही आसन के समीप आकर प्रदर्शन कर रहे हैं और सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। उनकी मांग है कि अदालत की निगरानी में सेक्स स्कैंडल की जांच कराई जाए और जरकिहोली पर बलात्कार का मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने उन 6 मंत्रियों के इस्तीफे की भी मांग की जो अपने बारे में किसी भी असत्यापित खबर के प्रकाशन/प्रसारण के विरुद्ध अदालत से स्थगन हासिल करने के लिए अदालत पहुंचे हैं। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि वे (ये मंत्री) नैतिक रूप से अयोग्य हैं।
विपक्षी सदस्यों द्वारा लगातार बाधा डाले जाने के बीच मुख्यमंत्री ने बजट चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि लोग सारी चीजें देख रहे हैं और वे आने वाले दिनों में उन्हें सबक सिखाएंगे। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के समीप पहुंच गए। वरिष्ठ भाजपा विधायक केजी बोपैया ने कहा कि क्या सरकार मुख्य न्यायाधीश को ऐसा पत्र लिख सकती है? न्यायिक जांच भिन्न विषय है।
सरकार के खिलाफ कांग्रेस सदस्यों के भाजपा सरकार मुर्दाबादऔर सीडी सरकार मुर्दाबाद के नारों के बीच कुछ भाजपा विधायक ने इस पुराने दल की नैतिकता पर सवाल उठाया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री बसावराज बोम्मई ने कांग्रेस पर सदन की कार्यवाही में भाग लेने को इच्छुक अन्य सदस्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया। उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस पर सत्ता में रहने के दौरान पूर्व मंत्री एचए मेती से जुड़े सेक्स स्कैंडल की लीपापोती करने का आरोप लगाया।
शोरशराबे के बीच मुख्यमंत्री के जवाब के बाद अध्यक्ष ने विनियोग विधेयक, पूरक अनुमान, एवं वित्तीय जवाबदेही (संशोधन) विधेयक, 2021 समेत संबंधित वित्त विधेयकों को मतविभाजन के लिए पेश किया और उन्हें पारित कर दिया गया। कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक 2021 को भी विधानसभा ने पारित कर दिया। (भाषा)