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ग्राउंड रिपोर्ट : फैजाबाद की 4 सीटों पर भाजपा के सामने अपनों को मनाना बड़ी चुनौती

हमें फॉलो करें ग्राउंड रिपोर्ट : फैजाबाद की 4 सीटों पर भाजपा के सामने अपनों को मनाना बड़ी चुनौती

संदीप श्रीवास्तव

, बुधवार, 15 फ़रवरी 2017 (17:31 IST)
फैजाबाद। उत्तरप्रदेश की सियासत में बेहद अहम किरदार रखने वाली फैजाबाद की 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है। फैजाबाद के अयोध्या, बीकापुर, मिल्कीपुर, रुदौली और गोसाईगंज विधानसभा सीटों पर सभी पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद अपने चुनाव प्रचार को तेज कर दिया है। इसी के साथ अब जोड़-तोड़ की सियासत भी तेज हो गई है।
लेकिन इन सबके बीच प्रदेश के 2 प्रमुख सियासी दलों भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर उपजे विवाद के बाद पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशियों के सामने अब विपक्ष से लड़ाई लड़ने से पहले अपनों से निपटना बड़ा सवाल हो गया है। अकेले फैजाबाद में टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी में जो खींचतान हुई, उसके बाद इस चुनाव में विपक्षी दलों से लड़ाई लड़ने से पहले पार्टी द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशियों को पार्टी के लिए काम करने वाले उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है, जो नाराज चल रहे हैं।
 
बीकापुर, मिल्कीपुर और गोसाईगंज में धधक रही है भीतरघात की आग : फैजाबाद की बीकापुर विधानसभा सीट मिल्कीपुर और गोसाईगंज में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपाई खेमे में काफी खींचतान हुई। मिल्कीपुर में सीनियर लीडर रहे रामू प्रियदर्शी को किनारे कर युवा चेहरे के तौर पर गोरखनाथ बाबा को टिकट मिला जिसके बाद स्थानीय स्तर पर तमाम भाजपाई नेता प्रचार से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। 
 
हालांकि पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी इस तरह की बातों से इंकार कर रहे हैं लेकिन क्षेत्र के पुराने भाजपाई नेताओं द्वारा प्रचार-प्रसार में शामिल न होना कहीं न कहीं नाराजगी को जाहिर कर रहा है। कुछ ऐसा ही हाल बीकापुर विधानसभा सीट पर भी है। यहां भी करीब आधा दर्जन बीजेपी नेता टिकट पाने के लिए कतार में थे। क्षेत्र के एक पुराने भाजपा नेता ने तो नामांकन पत्र की खरीदारी कर सोशल मीडिया पर इतना तक लिख दिया था कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उन्होंने नामांकन पत्र खरीदा है। 
 
लेकिन नेताजी के लिए 'सिर मुंडाते ही ओले पड़ने' की कहावत चरितार्थ हुई और जिस दिन उन्होंने नामांकन पत्र खरीदा उसी दिन शाम को सबसे आखिरी दौर में बीकापुर विधानसभा सीट से रालोद छोड़कर भाजपा में आईं शोभा सिंह को प्रत्याशी बना दिया गया जिसे लेकर भी तमाम भाजपा नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की। 
 
गोसाईगंज विधानसभा सीट पर भी टिकट निर्धारण को लेकर अपना दल से लंबे समय से क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर रहे प्रमोद सिंह गठबंधन की दुहाई देकर टिकट मांगते रहे लेकिन बसपा छोड़कर आए इन्द्रा प्रताप तिवारी खब्बू को अपना दल और भाजपा हाईकमान ने कमल का फूल दे दिया। इस मामले में प्रमोद सिंह खुलकर बीजेपी के खिलाफ प्रचार-प्रसार तो नहीं कर रहे लेकिन उनका समर्थन करने वाले क्षत्रिय मतदाता इस मामले को लेकर नाराज हैं।
 
टिकट वितरण को लेकर हुआ सबसे ज्यादा विवाद : प्रदेश की सियासत में बेहद अहम मुकाम रखने वाली अयोध्या विधानसभा सीट पर भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के बाद काफी हंगामा हुआ था। पार्टी हाईकमान द्वारा वेदप्रकाश गुप्ता को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पार्टी के ही एक धड़े ने दलबदलू नेता को टिकट देने का आरोप लगाकर हंगामा किया था। इतना ही नहीं, पार्टी कार्यालय पर कई दिनों तक धरना चला, तालाबंदी हुई और यहां तक कि भाजपा सांसद लल्लू सिंह और जिला अध्यक्ष अवधेश पांडे बादल को कार्यकर्ताओं ने रस्सियों से बांधने का काम भी किया, लेकिन आखिरकार पार्टी हाईकमान के निर्देश को सभी को मानना पड़ा और वर्तमान में वेदप्रकाश गुप्ता ही यहां से उम्मीदवार हैं। 
 
अब अहम सवाल यही है कि नाराजगी को खत्म कर नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक शक्ति में भाजपा प्रत्याशी कैसे परिवर्तित करते हैं यह देखने वाली बात होगी, क्योंकि अगर पार्टी में ही भीतरघात हुई तो इसके नतीजे बेहद नुकसान देह भी हो सकते हैं।
 
रुदौली विधानसभा सीट रही निर्विरोध : फैजाबाद की 5 विधानसभा सीटों में से रुदौली विधानसभा सीट ही भारतीय जनता पार्टी के टिकट निर्धारण के नजरिए से ऐसी सीट रही जिस पर कोई विवाद नहीं हुआ। यहां से वर्तमान विधायक रामचन्द्र यादव को जब पार्टी ने फिर से प्रत्याशी बनाया तो इलाके के भाजपा नेताओं ने खुशी जाहिर की और वर्तमान में जमकर प्रचार- प्रसार भी चल रहा है, बाकी शेष अन्य सीटों पर पार्टी में ही विरोध की आग धधकती रही।


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