मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ एक बिल्डर के रिश्तेदार से रंगदारी वसूलने और फिरौती के लिए अपहरण करने के आरोप में एक और मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ठाणे में शुक्रवार को दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) में डीसीपी रैंक के एक अधिकारी और 3 अन्य का भी नाम है।
शिकायतकर्ता शरद अग्रवाल ने शुक्रवार तड़के ठाणे के कोपरी पुलिस थाने में संपर्क किया और परम बीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जो पहले ठाणे पुलिस प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। अन्य आरोपियों की पहचान मुंबई पुलिस के डीसीपी रैंक के अधिकारी पराग मानेरे, संजय पुनामिया, सुनील जैन और मनोज घोटकर के रूप में हुई है।
अग्रवाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने उससे दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी और उसकी जमीन का जबरन अधिग्रहण कर लिया। मुंबई पुलिस ने बताया कि श्याम सुंदर अग्रवाल ने शिकायत दी थी कि परमबीर सिंह, पांच अन्य पुलिस अधिकारियों और दो अन्य लोगों ने उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के लिए 15 करोड़ रुपए मांगे थे।
शिकायत मिलने के बाद बुधवार को आरोपियों के खिलाफ रंगदारी, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई। शरद अग्रवाल श्यामसुंदर अग्रवाल के भतीजे हैं। पुलिस ने कहा कि शिकायत के आधार पर, आईपीसी की धारा 384, 385, 388, 389, 420, 364ए, 34 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले में जांच जारी है। उन्होंने कहा कि मामले के दो आरोपी पुनामिया और जैन को मुंबई पुलिस पहले ही दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव में दर्ज मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक वाहन मिलने पर बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इस साल मार्च में परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था। उस वाहन में विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी। बाद में सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।(भाषा)