Telangana Politics : तेलंगाना में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाना नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। लंबे समय से तेलंगाना में पांव पसारने के प्रयासों में जुटी भाजपा ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी पर भरोसा जताया है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
रेड्डी को भाजपा को तेलंगाना की सत्ता में लाने के लिए राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों ने बताया कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि किशन रेड्डी के लिए तत्काल कार्य राज्य पार्टी इकाई में सुचारु कामकाज सुनिश्चित करना है।
भाजपा में आंतरिक खींचतान और घटनाक्रम को लेकर मीडिया की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को संजय कुमार के स्थान पर रेड्डी को राज्य पार्टी प्रमुख नियुक्त किया था। रेड्डी ने राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति को लेकर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तेलंगाना में भाजपा ने एक और अहम नियुक्ति की है। विधायक एटेला राजेंद्र को राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सूत्रों ने बताया कि किशन रेड्डी को अब भाजपा के सामंजस्यपूर्ण कामकाज को सुनिश्चित करने और इसे आगे की बड़ी चुनावी लड़ाई के लिए तैयार करने की चुनौती का सामना करना होगा।
तेलंगाना में भाजपा के प्रवक्ता के. कृष्ण सागर राव ने कहा कि राज्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में किशन रेड्डी की नियुक्ति से अन्य दलों से आए विभिन्न नेताओं के बीच टकराव का समाधान हो जाएगा। उन्होंने बुधवार को कहा, वह (किशन रेड्डी) एक अनुभवी नेता हैं। वह मुद्दों को हल कर सकते हैं। उनके पास वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर मुद्दों को सुलझाने के लिए शिष्टता, सामर्थ्य और धैर्य है।
विधानसभा चुनावों के लिए राज्य भाजपा को उत्साहित करने और सत्तारूढ़ बीआरएस तथा कांग्रेस से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने के बारे में पूछे जाने पर कृष्ण सागर राव ने बताया कि चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति से भाजपा को फायदा होगा। उन्होंने दावा किया कि राज्य में भाजपा को लगातार बढ़त मिलती दिख रही है।
उन्होंने दावा किया, भाजपा के लिए जनता का समर्थन बरकरार है और लोग परिवार द्वारा संचालित सरकार के खिलाफ इसके विकास वाले एजेंडे को देखते हुए अभी भी भाजपा को (सत्तारूढ़ बीआरएस के) विकल्प के रूप में देखते हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)