मुरैना। मध्यप्रदेश में चंबल के बीहड़ों के लिए प्रसिद्ध मुरैना की धरती जल्द ही स्वादिष्ट गजक के रूप में अपनी पहचान देश में ही नहीं विदेशों में भी बनाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने गजक उत्पाद को जीआई टैग दिलाने की तैयारी कर ली है। इसके बाद यहां की गजक की मिठास विदेशों में भी घुलेगी।
यह बात क्षेत्रीय विधायक रघुराज सिंह कंषाना ने आज गजक मीठोत्सव मेले के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने जिला प्रशासन और उद्यमिता विकास सैडमैप के माध्यम से तैयार कराई 'गजक की मिठास मुरैना की पहचान' पुस्तक का विमोचन भी किया। कंषाना ने कहा कि गजक मीठोत्सव प्रतिवर्ष आयोजित हो।
समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि मेरे मन में एक सोच थी कि क्यों न मुरैना की गजक की पहचान विदेशों में कराई जाए। इसके लिए यहां मीठोत्सव का मेला लगाया जाए। जिससे लोगों में जागरूकता आएगी और वे गजक के महत्व को समझेंगे। इस उद्देश्य से 'गजक की मिठास, मुरैना की पहचान' पुस्तक तैयार कराई, जिसका आज विधायक की अध्यक्षता में विमोचन किया गया है।
पुस्तक में मुरैना जिले में लगभग 100 वर्ष पूर्व से बनाई जाने वाली गजक एवं उसके महत्व तथा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सभी बिन्दुओं को दर्शाया गया है। पुस्तक में गजक खाने के फायदे, गजक बनने की विधि आदि का वर्णन किया गया है।
गजक महोत्सव में 500 ग्राम से अधिक गजक खरीदने वाले लोगों को लकी ड्रॉ प्रदान किया गया था। जिसमें डॉ. मीरा बांदिल को प्रथम, किरन सेंगर को द्वितीय अरविन्द माहौर को तृतीय एवं चन्द्रप्रकाश शर्मा को चतुर्थ पुरस्कार प्रदान किया गया। इसमें 25 विजेताओं को सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
बेस्ट गजक में सूरज शिवहरे, वैष्णो गजक भंडार, क्वालिटी में कमरूद्दीन खान, कमल गजक भंडार, बेस्ट गजक डिजाइन में पिंकी पचौरी, कमल गजक भंडार, मिक्स गजक आकाश शिवहरे, गोपी गजक भंडार और बेस्ट गजक इनोवेशन फ्लेवर में संजय शिवहरे, गणेश गजक भंडार को पुरस्कार प्रदान किए गए।