नई दिल्ली। यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ग्रामीण अधिकारिता पर लिखा और बनाया जीत जारी किया गया है। विदित हो कि इस गीत की कल्पना को विचार रूप में वर्तिका नंदा और रश्मि सिंह ने बदला है। इस गीत को बिहार के एक गांव में फिल्माया गया है। इसे पद्मश्री सुश्री मालिनी अवस्थी ने गाया है। इस गाने में बिहार के एक गांव में वर्षों से आए बदलाव को दर्शाया गया है। इसके ऑडियो को केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने काफी समय पहले जारी किया था। अब यह गीत 'गांव की सेल्फी' वीडियो के रूप में भी आ रहा है।
इस गीत में ग्रामीण बिहार की धरती से जुड़ी महिलाओं की यात्रा को दर्शाया गया है। इस गीत का संपादन सोहेब अहमद बाबा ने किया है। इसी कार्यक्रम के दौरान कविता की दो पुस्तकों- आज बादल बनकर बरस जाना है' और
'एक शमा हरदम जलती है' नीलमचंद्र सक्सेना ने रची है, का अनावरण किया गया।
उल्लेखनीय है कि नेटवर्क एंड एलायंस फॉर नॉन प्रॉफिट एक्टिविटीज एंड नॉलेज (नानक) नामक एक राष्ट्रीय संगठन ने इसका आयोजन किया था। इस संगठन का उद्देश्य ज्ञान के निर्माण और प्रसार की समूची शक्ति का दोहन करने की दृष्टि के लिए किया गया है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे जिनमें मणिपुर के पूर्व गर्वनर वीके दुग्गल, डॉ. हरपालसिंह, चेयरपर्सन, सेव द चिल्ड्रन और फोर्टिस हेल्थकेयर, आईबी के पूर्व निदेशक पीसी हलदर, आमोद कंठ, चेयरपर्सन प्रयास, प्रबीर सिन्हा, सीईओ टाटा पावर, रमेश नेगी, चेयरपर्सन, डीसीपीसीआर, संजीव कुमार, तक्षशिला एजुकेशनल सोसायटी, चेयरपर्सन, केएम सिंह पूर्व डीजी, सीआईएसएफ और ध्यान गुरु अर्चना दीदी भी शामिल हैं। इस अवसर पर बिहार, यूपी और पूर्व पश्चिम दिल्ली के युवा अभिव्यक्ति चैम्पियंस का भी सम्मान किया गया।