कोलकाता। असम में अगले साल से भारत-बांग्लादेश की सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हालांकि यहां सीमा पर विशाल आकार के फाटक बनाए जाएंगे जिसकी मदद से हाथी अंदर आ-जा सकते हैं।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक परियोजना के बारे में आगामी महीनों में पता चलेगा, साथ ही बांग्लादेश सरकार से जल्द ही एक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।
हाथी परियोजना के निदेशक आरके श्रीवास्तव ने दिल्ली से बताया कि बांग्लादेश के साथ बातचीत अग्रिम चरणों में है। हम उनकी मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिसे हम जल्द आने की उम्मीद कर रहे हैं। एक बार उनसे हरी झंडी मिल जाएगी तो काम शुरू हो जाएगा।
परियोजना के अंतर्गत असम, मेघालय और बांग्लादेश के वन विभाग की टीमें एकसाथ बैठेंगी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगी जगहों की पहचान करेंगे जिसका इस्तेमाल हाथियों के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए किया जाएगा। इसके बाद सैकड़ों वर्षों से हाथियों के गलियारे का हिस्सा रहे ऐसे मार्गों पर बड़े आकार के फाटकों का निर्माण किया जाएगा।
श्रीवास्तव ने बताया कि फाटकों की निगरानी सीमा की रखवाली करने वाले सुरक्षा बलों के जवान करेंगे। वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने का काम करेंगे और हाथियों के सुरक्षित सीमा पार करने के लिए गार्ड को फाटकों को खोलने की सूचना देंगे।
बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर हाल ही में चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जून 2017 तक असम और बांग्लादेश के बीच 284 किलोमीटर लंबी सीमा को बंद करने का निर्देश जारी किया है। (भाषा)