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बच गए गहलोत, राजस्थान सरकार ने जीता विश्वास मत

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, शुक्रवार, 14 अगस्त 2020 (16:46 IST)
जयपुर। राजस्थान में लगभग एक महीने से चल रही सियासी खींचतान व अटकलों का दौर शुक्रवार को समाप्त हो गया, जब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। सदन ने सरकार द्वारा लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने इसे कांग्रेस की नीतियों व कार्यक्रमों की जीत बताते हुए कहा कि इससे पूरे राज्य की जनता खुश है।
 
इससे पहले, सदन ने सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन द्वारा मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करने का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने की घोषणा की।
 
प्रस्ताव पर अपना जवाब देते हुए गहलोत ने विपक्ष द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘तमाम आरोपों को मैं अस्वीकार करता हूं... कोरोना वायरस महामारी की स्थिति से निपटने में राजस्थान की सराहना देश-दुनिया ने की है।’ गहलोत ने आरोप लगाया, ‘भाजपा व केंद्र की सरकार ने उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा लेकिन कांग्रेस के कुनबे में फूट डालने के उनके सपने कभी पूरे नहीं होंगे।’
 
विपक्षी भाजपा की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘आपके आलाकमान ने तय कर रखा है कि राजस्थान सरकार को गिरा के रहेंगे और मैंने तय कर रखा है किसी भी कीमत पर गिरने नहीं दूंगा।’ गहलोत ने कहा, देश में लोकतंत्र खतरे में है जिसकी चिंता हम सभी को होनी चाहिए।
 
प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी नेताओं द्वारा कई बार मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच चली खींचतान पर कटाक्ष किए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने इसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताया। उन्होंने कहा, ‘भाजपा वाले कौन होते हैं हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले। ये हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है।’ विधायकों के फोन टैप के आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘हमारे यहां कोई फोन टैप नहीं होता। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं।’
 
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने इन आरोपों को खारिज किया कि भाजपा राज्य सरकार को गिराना चाहती है। प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए कटारिया ने कहा, ‘आज सरकार को विश्वास मत प्रस्ताव लेकर आना पड़ा। अगर वास्तव में हमारी मंशा सरकार गिराने की होती तो हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आते।’ इसके साथ ही कटारिया ने कहा कि कुल 75 सदस्यों के साथ भाजपा राज्य सरकार को कैसे गिरा सकती है।
 
उन्होंने कहा, यह जो कुछ भी प्रकरण हुआ इसमें भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। हमारे 75 सदस्य भी नहीं हैं। हमारे 72 सदस्य हैं। तीन हमारे साथी और आ गए तो हम 75 हुए। हम सरकार उलट सकते हैं? हकीकत को समझने का प्रयास करें। कटारिया ने कहा, आप हमारे कारण से घायल नहीं हुए...घर के झगड़े से घायल हुए और हमारे माथे पर ठीकरा फोड़ने का जो प्रयत्न कर रहे हैं यह उचित नहीं है।
 
इससे पहले स्वायत्त शासन व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने मंत्रिपरिषद में विश्वास पर का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान ने कोरोना संक्रमण महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए विश्व में मिसाल कायम की है।
 
विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत कहा, मैं इसे प्रदेश वासियों की विजय मानता हूं। यह कांग्रेस की नीतियों, कार्यक्रमों, सिद्धांतों की विजय है। यह जीत उन विधायकों की है जो एक महीने से भी अधिक समय से एकजुट रहे हैं।
 
बाद में गहलोत ने ट्वीट किया, ‘विधानसभा में हमारा बहुमत मत जीतना उन ताकतों के लिए एक संदेश है जो निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। उनकी हर तिकड़म राजस्थान में विफल रही है।' गहलोत ने आगे लिखा है, ‘जनता के दृढ़ भरोसे और कांग्रेस के विधायकों की एकता के बलबूते हम यह जीत हासिल कर पाए हैं।'
 
उल्लेखनीय है कि यह सारा राजनीतिक संकट उस समय शुरू हुआ, जब कांग्रेस द्वारा कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के आरोप लगाए। उसके बाद सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस के 19 विधायक बगावत कर गए। कांग्रेस ने पायलट को उपमुख्यमंत्री व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया। ये विधायक दिल्ली में पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ही जयपुर लौटे और विधानसभा की कार्यवाही में भी शामिल हुए। सदन की कार्यवाही अब 21 अगस्त को होगी। (भाषा)

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