पाकिस्तान से भारत लाई गई बहुचर्चित मूकबधिर सुश्री गीता ने कहा है कि वह योग्य वर मिलने पर ही विवाह का निर्णय करेगी।
मध्यप्रदेश के इंदौर के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में विदेश मंत्रालय की देखरेख में रह रही सुश्री गीता को 26 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तान से भारत लाया गया था। गीता के माता-पिता की तलाश में जुटी भारत सरकार वर्तमान में उसके सामाजिक पुनर्स्थापन के प्रयासों के क्रम में उसके विवाह के लिए योग्य वर तलाश कर रही है।
सामाजिक न्याय विभाग इंदौर के संयुक्त संचालक बीसी जैन ने बताया कि विदेश मंत्रालय के निर्देश पर आज गीता को उसके विवाह के लिए प्राप्त प्रस्तावों में से छह लड़कों से मिलवाना था। छह में से चार लड़के ही आज गीता से मिलने पहुंचे थे, जिन्हें उससे मिलवाया गया है। शेष आठ लड़कों से गीता को शुक्रवार को मिलवाया जाएगा।
बारी-बारी चारों लड़कों से मुलाकात करने के पश्चात गीता ने सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि योग्य वर मिलने के पश्चात ही वह विवाह का निर्णय करेगी। उसने बताया कि सभी लड़कों के समक्ष उसने शर्त रखी है कि विवाह के बाद वे बतौर पति उसके माता-पिता की तलाश करने में उसकी मदद करेंगे।
गीता ने दोहराया कि भारत लौटने का उसका एकमात्र उद्देश्य उसके बिछड़े हुए माता-पिता की तलाश करना है। सांकेतिक भाषा एवं मूकबधिरों के व्यवहार विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि विदेशमंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की मंशा अनुसार गीता के लिए वर तलाशने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन जारी किया गया था।
इसके बाद मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, दिल्ली के सामान्य और दिव्यांग युवकों ने संपर्क कर गीता से विवाह करने के लिए रुचि दिखाई थी। प्राप्त प्रस्तावों में से गीता ने 14 प्रस्तावों का चयन कर लड़कों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि विवाह का अंतिम निर्णय गीता को ही लेना है।