लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत के मामले में उत्तरप्रदेश सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को शुक्रवार को 6 सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब दाखिल करने के आदेश दिए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 9 अक्टूबर नियत की है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति दया शंकर तिवारी की पीठ ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर दिया।
महाधिवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायालय में इस याचिका का विरोध किया और कहा कि राज्य सरकार ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में हर सम्भव कदम उठाए हैं और वे मुख्य सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर हर मुमकिन कार्रवाई करेगी।
याची नूतन ने दलील दी कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई से यही संदेश मिला है कि वह तथ्यों को छुपाना और दोषी लोगों को बचाना चाहती है।
मालूम हो कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछली 10-11 अगस्त को संदिग्ध हालात में 1 के बाद 1 30 बच्चों की मौत हो गई थी। ऐसे आरोप लगे थे कि वे मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुईं, लेकिन सरकार ने इन इल्जामात को गलत करार दिया था और मुख्य सचिव की अगुवाई में मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे। (भाषा)