गोरखपुर। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार गोरखपुर में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत का सबब बनने वाले मस्तिष्क ज्वर पर गहन शोध के लिए एक ‘रीजनल वायरस रिसर्च सेंटर’ (क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान केन्द्र) स्थापित करेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी. नड्डा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में इसकी घोषणा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग पर गोरखपुर में मष्तिष्क ज्वर रोग पर गहराई से शोध के लिए एक ‘रीजनल वायरस रिसर्च सेंटर’ स्थापित होगा। केन्द्र सरकार इसके लिए 85 करोड़ रुपए देगी।
उन्होंने कहा कि योगी इंसेफलाइटिस के उन्मूलन के लिए संवेदनशील हैं। उनके ही प्रयास से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इंसेफलाइटिस रोधी टीकाकरण को जोड़ा गया है। गोरखपुर में अनुसंधान केन्द्र बन जाने से इस बीमारी पर रोक लगाने में सफलता मिलेगी। यह केंद्र पूर्ण विकसित होगा, जिससे बच्चों में होने वाले अन्य रोगों के निदान में भी मदद मिलेगी।
नड्डा का यह बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेस कांफ्रेंस में की गयी उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने गोरखपुर में पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर की स्थापना की पुरजोर वकालत की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘पूर्वी उत्तर प्रदेश की बनावट ऐसी है कि हम संचारी रोगों से लड़ाई को तब तक नहीं जीत सकते जब तक यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर नहीं बन जाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर को एम्स दिया है लेकिन यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर भी होना चाहिए।’
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हाल में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत की घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इसकी पड़ताल के लिए दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक गोरखपुर पहुंच चुके हैं। वे घटना और मौतों के कारणों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन दिन पहले 30 बच्चों की मौत की घटना के बाद आज मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा अस्पताल पहुंचे। दोनों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात करके इलाज, दवा आदि के बारे में पूछताछ की। मुख्यमंत्री ने 10 तथा 11 अगस्त के दिन अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मुख्यमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों और दिल्ली और राज्य सरकार से आए अधिकारियों के साथ चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए घटना के विषय में मीडिया की ओर इंगित करते हुए गलत रिपोर्टिंग ना करने की सलाह दी। उन्होंने बच्चों की मौत पर संवेदना व्यक्त की।
योगी ने बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव और केन्द्रीय सचिव घटना की जांच करके रिपोर्ट देंगे। दिल्ली की उच्च स्तरीय टीम भी पूरे मामले की जांच कर रही है। रिपोर्ट आते ही घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
योगी ने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में भावुक अंदाज में जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों को मरते हुए देखा है। उन्होंने कहा ‘इस मुद्दे पर मुझसे अधिक संवेदनशील और कौन हो सकता है। मैंने इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाया है। इस बीमारी की पीड़ा मुझसे ज्यादा और कौन समझेगा।’
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के 35 जिलों में 90 लाख से ज्यादा बच्चों के टीकाकरण का सघन अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का यह उनका चौथा दौरा है।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज में 30 बच्चों की मौत की घटना के विषय में मीडिया की ओर इंगित करते हुए गलत रिपोर्टिंग ना करने की सलाह दी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे अस्पतालों में जाएं और वहां की सही हालत से अवगत करवाएं। (भाषा)