गोरखपुर। अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 36 बच्चों की मौत के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलामनबी आजाद ने हादसे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा।
आजाद ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि इस घटना से देश आहत हुआ है। सरकार की कथित लापरवाही की वजह से बच्चों के परिवारों को दुख पहुंचा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को फौरन इस्तीफा देना चाहिए।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के साथ गोरखपुर आए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है, अपनी जिम्मेदारी से वे पीछे नहीं हट सकते। इसमें डॉक्टरों की कोई गलती नहीं लगती। केन्द्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने इस मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की मदद की है।
उनका दावा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में 2 दिन में 26 बच्चों समेत 63 मरीजों की मौत हो गई। इसकी वजह पेमेंट रुकने की ऑक्सीजन देने वाली कंपनी का सप्लाई बंद करना बताया जा रहा है।
आजाद ने कहा कि स्थानीय अखबारों में आक्सीजन और अन्य खामियों के संबंध में लगातार छप रहा था लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान हीं नहीं दिया। उनका दावा था कि उन्हें पुख्ता जानकारी है कि अस्पताल में एक महीने से ऑक्सीजन की कमी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य में जंगलराज हो गया है। पांच दिनों में 60 मरीजों की मृत्यु हुई। मौत के बाद बच्चों के परिवार को जल्दबाजी में घर पहुंचा दिया गया ताकि वे किसी से मिल न सकें। उन्होंने सांसदों के दल से पूरे मामले की जांच की भी मांग की।
उधर, सूत्रों का दावा है कि मेडिकल कॉलेज छह महीने में 69 लाख रुपए का ऑक्सीजन उधार ले चुका है। आक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी का कहना है कि कई बार चिट्ठी भेजने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। तीन दिन पहले ऑक्सीजन टैंक में प्रेशर घटने लगा।
अस्पताल में विरोध प्रदर्शन : बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज स्थित नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती 30 बच्चों की मौत के मामले पर विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल आज मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में सपा, बसपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं। प्रदर्शनकारी उक्त घटना में सम्मिलित चिकित्सक, प्रधानाचार्य और अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करके इन सबकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वे मृतक बच्चों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।
त्रासदी नहीं, सामूहिक हत्याकांड : उत्तरप्रदेश में गोरखपुर के एक अस्पताल में 30 बच्चों की मौत की घटना पर तीव्र क्षोभ जताते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि यह त्रासदी नहीं, बल्कि एक तरह से सामूहिक हत्याकांड है। सत्यार्थी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा कि अस्पताल में ऑक्सीजन के बिना 30 बच्चों की मौत। यह त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सामूहिक हत्याकांड की तरह है। हमारे बच्चों के लिए आजादी के 70 साल क्या यही है?
क्या बोले योगी के मंत्री : दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्ष पर इस मामले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं की जानी चाहिए। मौर्य ने कहा कि विपक्ष का बयान राजनीति से प्रेरित है। योगी सरकार जनता की भलाई में दिन-रात लगी हुई है। मामला संवेदनशील है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
सिंह ने कहा कि विपक्ष का काम है सरकार को कटघरे में खडा करना, लेकिन ऐसे मामलों में विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए। विपक्ष यदि राजनीति कर रहा है तो उसे बताना चाहिए कि आक्सीजन की आपूर्ति करने वाला कौन था। संविदा पर कर्मचारियों को किसने रखा था। योगी सरकार सुधार कर रही है। धीरे-धीरे बिगडी व्यवस्था ठीक होगी।
उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही इस अस्पताल का दौरा किया था और कहा था कि यहां पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि अस्पताल में किसी चीज की जरूरत होगी तो उसे वह स्थानीय प्रशासन को बताए।