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यातायात सुधार के लिए सुरक्षा कोष की स्थापना : अखिलेश यादव

हमें फॉलो करें यातायात सुधार के लिए सुरक्षा कोष की स्थापना : अखिलेश यादव

अरविंद शुक्ला

लखनऊ , मंगलवार, 23 सितम्बर 2014 (20:15 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सड़क दुर्घटना रोकने तथा दुर्घटना के बाद तत्काल मदद पहुंचाने के लिए सभी विभागों, जनता एवं मीडिया को सम्मिलित प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य सड़क सुरक्षा नीति लागू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना भी की गई है, जिससे यातायात व्यवस्था सुधारने की कोशिश की जाएगी। 
मुख्‍यमंत्री होटल ताज में वाह्‌य सहायतित परियोजना विभाग एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा नीति, 2014 के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस नीति को बनाने में न्यूज़ीलैण्ड एवं विश्व बैंक से भी मदद ली गई है। उन्होंने लोक निर्माण, गृह, स्वास्थ्य एवं परिवहन विभाग द्वारा कम समय में तेजी से कार्य करते हुए सड़क सुरक्षा नीति तैयार करने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब इस नीति को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू कराया जाए ताकि हजारों लोगों को असमय मौत के मुंह में जाने एवं अपंग होने से बचाया जा सके। 
 
उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं में मौतें भारत में ही हो रही हैं और बड़ी संखया में लोग अपंग हो रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन को यथा सम्भव सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि बड़ी आबादी का राज्य होने के नाते इस नीति से यहां सर्वाधिक जानें बचाई जा सकेंगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संखया घटेगी।
 
यादव ने कहा कि सड़क दुर्घटना के फलस्वरूप कई परिवार अनाथ हो जाते हैं। इसके अलावा आर्थिक और मानसिक कष्ट भी झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाजवादी दर्शन में विश्वास करने वाली सरकार है। इसलिए जनता की अधिक से अधिक कठिनाइयों के निदान के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है।

राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए संचालित 'विमेन पावर लाइन 1090' की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से लाखों छात्राओं, महिलाओं को समय पर राहत पहुंचाकर सुरक्षा प्रदान की गई और उन्हें भय से मुक्ति दिलाई गई। '108' समाजवादी स्वास्थ्य सेवा व '102' नेशनल एम्बुलेंस सर्विस के तहत संचालित एम्बुलेंस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में शीघ्रता से एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराकर हजारों लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अच्छी एवं आधुनिक सड़कों के निर्माण तथा निवेश को बढ़ावा दे रही है। 
 
राज्य सरकार द्वारा विकास एवं जनकल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के फैसलों को देखते हुए विभिन्न देशों के लोग यहां निवेश के लिए इच्छा जाहिर कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं में सहभागिता के लिए भी आगे आ रहे हैं क्योंकि उन्हें भरोसा हो गया है कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्य सरकार जनता की भलाई के लिए काम कर रही है। 
 
उन्होंने भावी पीढ़ी को अनुशासन के साथ सड़क पर चलने की सलाह देते हुए कहा कि इससे वे अपने साथ-साथ दूसरों के जीवन को बचाने में भी मदद करेंगे। इस मौके पर मुख्‍यमंत्री ने प्रतीक के रूप में दस छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा किट्‌स प्रदान की तथा उ.प्र. राज्य सड़क सुरक्षा नीति पुस्तिका का विमोचन भी किया। 
 
इससे पूर्व, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  अहमद हसन ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के स्तर से नीति बनाकर एक गम्भीर प्रयास किया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस नीति को लागू करने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से मदद करेगा। परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने आश्वस्त किया कि इस नीति को लागू करने के लिए सभी जिम्मेदार विभागों की मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में दुर्घटना बाहुल्य स्थलों की पहचान कर दुर्घटना रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने तथा वाहन चालकों के प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। 
 
राज्य के वाह्‌य सहायतित परियोजना विभाग के सलाहकार  मधुकर जेटली ने कहा कि इस पॉलिसी को तैयार करने में न्यूज़ीलैण्ड तथा विश्व बैंक ने काफी मदद की है। देश में पिछले वर्ष लगभग 01 लाख 40 हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हुई थी। इसके लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान कर उनका समाधान ढूंढने का संयुक्त प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से अनुशासित होकर वाहन संचालन का आग्रह करते हुए कहा कि सड़क पर पैदल चलने वाले यात्रियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। 
 
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी ने कहा कि पॉलिसी को सही ढंग से लागू करने के लिए हर स्तर पर लगातार समीक्षा की जानी चाहिए। इस मौके पर मुख्‍य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि इस नीति को बनाने से राज्य सरकार की सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गम्भीरता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मृत्यु उत्तर प्रदेश में ही होती हैं। इसलिए सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को रोकने के लिए सभी विभागों को मिलजुलकर काम करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाने की बात भी कही। 
 
इससे पूर्व कार्यक्रम को भारत में न्यूज़ीलैण्ड के उच्चायुक्त  ग्राहम मॉर्टन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि न्यूज़ीलैण्ड में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काफी गम्भीरता से प्रयास किया गया है। इसलिए वहां चालीस वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में 70 फीसदी की गिरावट आई है। कार्यक्रम में आए हुए सभी लोगों का स्वागत करते हुए परिवहन आयुक्त के. रवीन्द्र नायक ने कहा कि 100 करोड़ रुपए की लागत से सड़क सुरक्षा कोष बनाया गया है, जिसमें अगले पांच वर्षों तक विश्व बैंक 50 करोड़ रुपए की मदद देगा। 
 

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