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Uttarakhand: राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री की घोषणाओं को दोहरा दिया सरकार ने

हमें फॉलो करें Uttarakhand: राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री की घोषणाओं को दोहरा दिया सरकार ने

एन. पांडेय

, मंगलवार, 29 मार्च 2022 (17:27 IST)
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए अपने भावी कार्यक्रमों को विस्तार से रखने के बजाय पिछली सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों और कार्यक्रमों को राज्यपाल अभिभाषण के माध्यम से सदन में रखने की कोशिश की, जबकि उम्मीद ये की जा रही थी कि सरकार विधानसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन अपने भावी कार्यक्रमों को विस्तार से रखेगी और उन कार्यक्रमों या संकल्पों को धरातल पर उतारने के लिए उनके लिए आने वाले बजट में धन की व्यवस्था करेगी।
 
लेकिन 5वीं विधानसभा के पहले विधानसभा सत्र के पहले दिन यह एहसास कराने की कोशिश की गई कि वर्तमान धामी सरकार उनकी ही पिछली सरकार का अगला संस्करण है इसलिए अभिभाषण में पिछली सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया है। लेकिन पिछली बार धामी सरकार ने अपने 6 माह के संक्षिप्त कार्यकाल में जो 500 से अधिक घोषणाएं की थीं, उनमें से अधिकांश का कार्यान्वयन धनाभाव और समयाभाव के कारण पहले नहीं हो सका था। राज्यपाल अभिभाषण के दौरान बिना विभागों के मंत्री विधानसभा में मूकदर्शक बने रहे। मंत्रिमंडल गठित होने के 6 दिन बाद भी सरकार मंत्रियों के पोर्टफोलियो नहीं वितरित कर पाई है।

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राज्यपाल के अभिभाषण में राजनीतिक नेतृत्व का दृष्टिकोण और उसकी प्राथमिकताएं नजर नहीं आतीं। 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में गठित 9 सदस्यीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पहला प्रस्ताव राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के बावजूद इसका जिक्र तक अभिभाषण में नहीं किया गया। भारत में अब तक किसी भी राज्य सरकार ने ऐसा प्रयास नहीं किया। गोवा में समान नागरिक संहिता लागू अवश्य है, मगर उसमें गोवा सरकार या वहां की विधानसभा की कोई भूमिका नहीं है। वह कानून पुर्तगालियों ने 1867 में लागू किया था जिसे भारत की संसद ने 1962 में जारी रखा।

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विधानसभा चुनाव में 100 दिन के अंदर लोकायुक्त के गठन के वायदे पर तो चुप्पी साध ली लेकिन समान नागरिक संहिता बनाने का फैसले की तरफ पहली ही कैबिनेट में वह हरकत में दिखी। 14 पेज के अभिभाषण में पृष्ठ 13 पर कुल 8 संकल्पों का जिक्र किया गया है जिनमें पर्वतमाला का संकल्प भारत सरकार का है। इसी प्रकार 4जी और 5जी मोबाइल नेटवर्क का संकल्प भी भारत सरकार से संबंधित है।
 
हरिद्वार को 'अंतरराष्ट्रीय योग राजधानी' बनाने वाला संकल्प भाजपा सरकार का बहुप्रचारित एजेंडा बन चुका है। चारधाम सर्किट में आने वाले मंदिरों और गुरुद्वारों के भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं के विस्तार की बात भी पहले से ही होती रही है। अन्य संकल्पों में सीमांत क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों के लिए हिम प्रहरी योजना, पीएम किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मुख्यमंत्री किसान प्रोत्साहन निधि और उत्तराखंड ऑर्गेनिक्स ब्रांड बनाने का संकल्प अभिभाषण में व्यक्त किया गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री पिछली सरकार के कार्यकाल में करते आ रहे हैं।

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