शिमला। हिमाचल प्रदेश के सनसनीखेज गुडिया सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों के नारको परीक्षण की इजाजत दे दी।
इन पांचों आरोपियों को सुबह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वरिंदर सिंह की अदालत में पेश किया गया था जहां मामले की सुनवाई कैमरे के सामने चली और लगभग 40 मिनट की कार्यवाही के बाद उन्होंने इन सभी के नारको परीक्षण की इजाजत दे दी।
सीबीआई की ओर से पेश वकील सुशील नेगी ने कहा कि मामले की तह तक जाने के लिए इन सभी आरोपियों के नारको परीक्षण की आवश्यकता है।
इस बीच आरोपियों के वकील आशीष चौहान, रवि टंटा, और अमित शर्मा ने नारको परीक्षण का विरोध करते हुए कहा कि इससे इनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा और सीबीआई को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए इनके नारको परीक्षण को अनुमति दे दी।
इस बीच चार अन्य आरोपियों की ओर से पेश सरकारी वकील ने नारको परीक्षण को कराए जाने की अनुमति दे दी।
टंटा और शर्मा ने बताया कि आरोपियों को टांडा में न्यायिक हिरासत में लिया जाएगा और इसके बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो के हवाले कर दिया जाएगा जहां से इन्हें नारको परीक्षण के लिए दिल्ली तथा अहमदाबाद ले जाया जाएगा।
यह मामला छह जुलाई को उस समय प्रकाश में आया जब कक्षा 10 की छात्रा गुडिया का शव कोठाई के टांडी जंगलों से बरामद किया गया। पोस्टमार्टम और मेडिकल जांच में उसके साथ सामूहिक बलात्कार की पुष्टि हो गई थी।
इस मामले में छठे आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद 19 जुलाई को राज्य सरकार ने एसआईटी से यह केस सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे। (वार्ता)