अहमदाबाद। गुजरात में नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जारी गहमागहमी के बीच हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए करीब तीन माह पूर्व इसकी ओर से जारी गैर आरक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत के विशेष आरक्षण का प्रावधान करने वाले अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया।
राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने गत एक मई को गुजरात के स्थापना दिवस के मौके पर यह अध्यादेश जारी किया था जिसमें गैर आरक्षित वर्ग में सालाना छह लाख रुपए तक की आय वाले परिवार को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत के विशेष आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पंचोली की खंडपीठ ने आज इसे असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। अदालत ने गत 18 जुलाई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था जिसे आज सुनाया गया। (वार्ता)