पिछले 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण गुरुग्राम एक बार फिर जलभराव एवं यातायात जाम की समस्या से जूझ रहा है तथा निवासियों का रोजमर्रा का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश के कारण मंगलवार को सेक्टर 63 ए के कादरपुर गांव के पास अरावली बांध को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना मिली, जिसके कारण आसपास के गांवों में कई फुट तक पानी भर गया। भारी बारिश के चलते नोएडा-गाजियाबाद में कल स्कूल बंद रहेंगे। गुरुग्राम में ऑनलाइन क्लासें होंगी।
ग्रामीणों ने बताया कि पानी के तीव्र दबाव के कारण बांध क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। एक दूसरी घटना में उल्लावास गांव के पास एक इमारत के बेसमेंट के निर्माण कार्य में बारिश और उसके बाद हुए जलभराव के चलते आस-पास के घरों में दरारें आ गईं। स्थानीय प्रशासन ने निवासियों को सुरक्षा के लिए इन घरों को खाली करने का निर्देश दिया है।
गुरुग्राम में सोमवार को यातायात व्यवस्था चरमरा गई। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए जिनमें कई इलाकों में भीषण जाम दिखाई दे रहा था। कई लोगों ने बताया कि वे आधी रात तक जाम में फंसे रहे। जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कॉर्पोरेट क्षेत्र के कई कर्मचारियों ने सोमवार को घर से काम किया और स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गईं। परिणामस्वरूप, राजमार्गों पर मंगलवार को यातायात अपेक्षाकृत कम रहा लेकिन सर्विस लेन में पानी भर जाने से यातायात की रफ्तार धीमी पड़ गई।
गुरुग्राम में मंगलवार सुबह बारिश होने के कारण कई सड़कें पानी से लबालब भरी रहीं। अग्रसेन चौक, सेक्टर 15, महरौली रोड और पुरानी दिल्ली रोड जैसे प्रमुख इलाकों में भारी जलभराव देखा गया। नतीजतन, बजघेड़ा और राजीव चौक समेत करीब एक दर्जन अंडरपास बंद कर दिए गए हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है।
गुरुग्राम जिला सूचना एवं जनसंपर्क (डीआईपीआरओ) बिजेंद्र कुमार ने बताया कि शहर और आसपास के क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे में 150 मिमी से अधिक बारिश हुई।
बादशाहपुर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) संजीव सिंगला ने मंगलवार को एसपीआर रोड का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सुचारू यातायात प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
दिल्ली सरकार ने लागू की बाढ़ प्रतिक्रिया कार्ययोजना
यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को निकासी के निशान को पार कर जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अपनी बाढ़ प्रतिक्रिया कार्ययोजना लागू कर दी है। दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है और नागरिकों को बचाने के लिए 58 नावें, 675 जीवन रक्षक जैकेट मुहैया कराए गए हैं जबकि पानी निकालने के लिए 82 अस्थायी पंप लगाए गए हैं।
वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यहां नदी का जलस्तर इस वर्ष पहली बार निकासी के स्तर को पार कर गया, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के मद्देनजर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री वर्मा ने बाढ़ मोचन/उपशमन योजनाओं की समीक्षा के लिए अपने विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की।
वर्मा ने एक आधिकारिक बयान में कहा, हमारे बाढ़ तैयारी अधिकारी, इंजीनियर और जमीनी स्तर के कर्मी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं और हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। बैराज से लेकर पंपिंग स्टेशन तक, हर व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
मंत्री का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 58 नावें, 675 लाइफ जैकेट, 5,67,200 ईसी (इको) बैग, 14,370 बल्लियां, 24 जनरेटर आदि पहले उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, संवेदनशील स्थानों पर पानी निकालने के लिए 82 अस्थायी पंप लगाए गए हैं। वर्मा ने दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और मध्य दिल्ली के जिलाधिकारियों को बाढ़ के मौसम में पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश दिया, क्योंकि ये इलाके ज़्यादा संवेदनशील हैं।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि राहत सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचे, निकासी केंद्र और त्वरित प्रतिक्रिया दल पूरी तरह तैयार रहें। नजफगढ़ बेसिन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। दिल्ली के लोग निश्चिंत रहें कि हम किसी भी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
दिल्ली जल बोर्ड को बाढ़ प्रबंधन प्रक्रिया में अपने अधिकारियों को नियुक्त करने तथा जलभराव को रोकने और निर्बाध जलप्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के साथ निकट समन्वय करने का निर्देश दिया गया है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma