अहमदाबाद। पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को शुक्रवार को देशद्रोह के दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और सूरत की एक अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सहायक पुलिस आयुक्त के एन पटेल ने बताया, ‘सूरत की एक अदालत से स्थानांतरण वारंट मिलने के बाद हमने उन्हें हिरासत में ले लिया।’ उन्होंने बताया कि हमारे अधिकारी हार्दिक के साथ सूरत से निकल चुके हैं और वे लोग मध्यरात्रि तक यहां पहुंच जाएंगे।
सूरत पुलिस ने उन्हें पहले देशद्रोह के एक मामले में हिरासत में लिया था जिसमें कथित तौर पर उन्होंने एक स्थानीय युवक को आत्महत्या करने के बजाए पुलिस को मारने की सलाह दी थी।
हार्दिक को उनके पांच समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह और चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश करने के मामले में अहमदाबाद में भी प्राथमिकी दर्ज थी। पटेल को देशद्रोह के आरोप में 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ उनके पिता और बीजेपी नेता भरत पटेल ने याचिका दायर की है। हार्दिक पर आरोप है कि उन्होंने पटेल समुदाय के युवाओं से कहा कि आत्महत्या करने के बजाए वह एक या दो पुलिसवालों की हत्या करें।
ऐसा कहा जा रहा है कि 3 अक्टूबर को हार्दिक ने सूरत के विपुल देसाई से कहा था कि अगर तुम में इतनी हिम्मत है तो बजाए खुदकुशी करने के जाओ, जाकर एक या दो पुलिसवालों को मार डालो। पटेल कभी आत्महत्या नहीं करते। इसके बाद यह सोशल मीडिया पर पहुंच गया और विवाद भड़क गया। इस पर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ जिसके खिलाफ उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
सूरत में पुलिस ने अदालत से हार्दिक को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का आग्रह किया लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया। उधर, अहमदाबाद अपराध शाखा के कर्मचारी सूरत पहुंच चुके थे। उन्होंने हार्दिक को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें अहमदाबाद ले गए।
हार्दिक पटेल उन छह लोगों में शामिल हैं जिन पर अहमदाबाद में देशद्रोह का मामला दर्ज है। बाकी पांच में से तीन चिराग पटेल, दिनेश बामानिया और केतन पटेल को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया। इन तीनों को 29 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।दो अन्य अल्पेश कथीरिया और अमरीश पटेल फरार हैं। अब अहमदाबाद पुलिस हार्दिक को अदालत में पेश करेगी और रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी। (भाषा)