Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हरियाणा बोर्ड ने 10 वीं कक्षा की गलत मेधा सूची जारी की, दो कर्मचारी निलंबित

हमें फॉलो करें हरियाणा बोर्ड ने 10 वीं कक्षा की गलत मेधा सूची जारी की, दो कर्मचारी निलंबित
चंडीगढ़ , मंगलवार, 23 मई 2017 (09:22 IST)
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को 10वीं कक्षा की गलत मेधा सूची जारी कर दी, जिसे लेकर उसे असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में इस गलती को सुधार लिया गया। इस संबंध में दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
 
अधिकारियों के मुताबिक कंप्यूटर से जुड़ी गड़बडी के कारण ऐसा हुआ। इस साल के परीक्षा परिणाम उत्साहजनक नहीं रहे हैं और प्राय: परीक्षा देने वाला हर दूसरा छात्र उतीर्ण नहीं हो सका है। इतनी बड़ी गलती की भनक लगते ही बोर्ड ने दोबारा दो घंटे बाद नई लिस्ट जारी कर पहले की लिस्ट में टॉप रहे बच्चे से माफी मांगी और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा ना होने का आश्वासन दिया है।
 
गौरतलब है कि पहली लिस्ट में फतेहाबाद की मोनिका को 500 में से 493 अंको के साथ पहले नंबर पर, 491 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर भिवानी के रूपेश को तथा 490 अंक पाने पर फतेहाबाद की अंजलि, हिसार के रवि कुमार एवं जींद के रजत को तीसरा टॉपर बताया गया था।
 
बोर्ड ने सुधार के बाद जो नई टॉपर लिस्ट जारी की है उसके बाद सिरसा के युद्धवीर ने 499 अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान पाया है। वहीं 496 अंक लेकर जींद के सुमित ने दूसरा तथा 495 अंक लेकर जींद की ही सोनम व पलवल के राकेश ने तीसरा स्थान पाया है।
 
इस पूरे मामले के बाद बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह व सचिव अनिल नागर ने दोबारा से नई लिस्ट जारी की। बोर्ड चेयरमैन व सचिव ने बताया कि पहली लिस्ट गलत जारी हुई वो कंप्यूटर द्वारा किसी विषय में 100 अंक लेने वाले बच्चों को डी ग्रेड में डाल दिया जिससे उनके अंक 100 की बजाय 90 काऊंट हो गए। उन्होंने बताया कि ये तकनीकी गलती थी।
 
चेयरमैन व सचिव ने गलत लिस्ट जारी होने पर पहली लिस्ट में टॉप दर्शाए गए बच्चों से माफी मांग और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इस गलती पर जिस कंपनी ने रिजल्ट तैयार किया है उसपर दो लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है और रिजल्ट की जांच करने वाले दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
 
बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि एक हजार 23 बच्चों ने किसी ना किसी विषय में 100 अंक प्राप्त किए थे, जिनके टॉपर लिस्ट के दौरान 90 काऊंट हो गए थे। बोर्ड सचिव अनिल नागर ने बताया कि जब वो चेयरमैन के साथ बैठकर टॉपर बच्चों के अंक जांच रहे थे तो पूरी गलती का पता चला। उन्होंने बताया कि नई टॉपर लिस्ट के बाद पहली टॉपर लिस्ट के बच्चों के अंको में कोई फैरबदल नहीं हुआ है।
 
भले ही अब बोर्ड प्रशासन माफी मांगे लेकिन बोर्ड की इस लापरवही से पहले लिस्ट के टॉपर रहे बच्चों को मायूसी हाथ लगी है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधने वाले मेजर को सेना प्रमुख ने किया सम्मानित