Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कश्मीर समस्या को सामाजिक मुद्दा बताया, मंत्री पद गया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Finance Minister Haseeb Drabu
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सूबे के वित्तमंत्री हसीब द्राबू को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। द्राबू के जम्मू कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा नहीं सामाजिक मुद्दा बताने वाले बयान को लेकर कैबिनेट से बाहर किया गया है। सत्ताधारी पीडीपी ने द्राबू के बयान को पार्टीलाइन से अलग बताया था और उनसे बयान वापस लेने की मांग की थी।


हसीब द्राबू के बयान वापस ना लेने पर सोमवार को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। पार्टी ने कहा कि राज्य एक राजनीतिक मुद्दा है और वह पार्टी के कोर एजेंडा में है, ऐसे में द्राबू के बयान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में राज्यपाल को एक औपचारिक पत्र भी भेज दिया है। सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने द्राबु के खिलाफ यह कार्रवाई उनके (द्राबू) के कश्मीर संबंधी विवादित बयान को संज्ञान लेते हुए की है।

वित्तमंत्री ने गत दिनों दिल्ली में आयोजित एक सेमीनार में कहा था कि कश्मीर कोई विवाद नहीं हैं, कश्मीर कोई सियासी मसला भी नहीं है। यह एक सामाजिक मसला है। वित्तमंत्री के इस बयान के बाद रियासत की सियासत में खूब हंगामा शुरू हो गया। प्रमुख विपक्षी दल नेकां ने इसे भाजपा के आगे पीडीपी के घुटने टेक नीति का नतीजा बताते हुए कहा कि वह पीडीपी कश्मीर की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को पूरी तरह बेच चुकी है। अलगाववादी खेमे ने भी इस मामले को भुनाना शुरु कर दिया था।

स्थिति को भांपते हुए गत रोज ही पीडीपी उपाध्यक्ष सरताज मदनी ने वित्तमंत्री को अपने बयान को वापस लेने की ताकीद करते हुए कहा था कि पीडीपी कश्मीर को एक सियासी मसला मानती है और इसलिए उसने इसके हल के लिए सेल्फ रूल का एजेंडा बनाया है। पीडीपी की अनुशासन समिति ने गत रात वित्तमंत्री को नोटिस जारी कर अपने बयान पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।

वित्तमंत्री हसीब ने अपना बयान वापस नहीं लिया और न यह पता चल पाया है कि उन्होंने अपने बयान पर क्या स्पष्टीकरण दिया है। लेकिन सोमवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती  ने उनके बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बाहर करने का फैसला कर लिया। यहां यह बताना भी असंगत नहीं होगा कि कश्मीर मसले के हल के लिए पीडीपी ने जो सेल्फ रूल का मसौदा तैयार किया है, उसके वित्तीय मामलों की रुपरेखा वित्तमंत्री ने ही तय की थी।

द्राबू ने शनिवार को दिल्ली में कहा था कि कश्मीर राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा है। पीडीपी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी ने द्राबू से सफाई देने को कहा है। कहा कि पीडीपी मानती है कि जम्मू-कश्मीर राजनीतिक मुद्दा है और केवल बातचीत से ही हल संभव है। द्राबू ने कोर इश्यू पर पार्टी के स्टैंड के विपरीत बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना इसी कोर इश्यू के साथ की थी।

वित्त मत्री का बयान राजनीतिक एजेंडे से हटकर है। पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी ने द्राबू को नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे को समझौते और बातचीत से हल किया जा सकता है। कश्मीर में लोगों ने शहादत दी है। क्षेत्र की समस्या को कुछ लोग केवल प्रबंधन में कमियां बता रहे हैं। विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस तथा सीपीआई (एम) ने भी द्राबू के बयान पर पीडीपी को घेरते हुए कहा कि यह बयान शर्मनाक है।

नेकां के अली मोहम्मद सागर ने द्राबू के बयान को निदंनीय कहा। हुर्रियत एम के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने द्राबू के बयान को भ्रम फैलाने के लिए सोच समझकर दिया बयान बताया। अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कहा कि द्राबू का बयान बिकी हुई मानसिकता को दर्शाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शेयर बाजार में बहार, सेंसेक्स 610 अंक उछला