देहरादून। उत्तराखंड में हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण कई बॉर्डर रोड बंद पड़े हुए हैं।बॉर्डर रोड बंद होने के चलते चीन सीमा पर तैनात जवानों के साथ सीमांत गांवों के लोगों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख रोड पर 3 फुट से अधिक बर्फ गिरने के चलते बंद है।
मुनस्यारी में भी बर्फबारी के कारण बंद थल-मुनस्यारी मार्ग को खोल दिया गया है। चीन बॉर्डर के करीब बसे गुंजी, कूटी और नाबी गांव पूरी तरह बर्फ की सफेद चादर में लिपट गए हैं। दारमा घाटी में भी जमकर बर्फबारी हो रही है।हिमनगरी मुनस्यारी के कालामुनि, बेटुली धार और गलाती में बीती रात हुई बर्फबारी के कारण थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग एक बार फिर बाधित हो गया था, जिस कारण पर्यटकों के कई वाहन मार्ग में फंसे हुए थे।
चमोली जिले में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड रही है। जिले में पहाड़ी से लेकर पेड़-पौधे पूरी तरह बर्फ से ढंके हुए हैं। औली, ब्रह्मताल, चोपता और रामणी में करीब 2 फुट तक बर्फ जमी हुई है। गुरुवार सुबह मौसम साफ होने के बाद बर्फ से ढंकी हुई पहाड़ियां चांदी सी चमक उठीं। बद्रीनाथ में तो तीन से चार फुट तक बर्फ पड़ी है।
उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी से कई इलाके बर्फ के मोटे आवरण से ढंके हुए हैं।इस बर्फबारी से जनपद के उपला टकनौर सहित मोरी और बड़कोट के ऊंचाई वाले गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले के गंगोत्री यमुनोत्री के मंदिर भी बर्फ का मोटा आवरण धारण कर चुके हैं।