Helicopter accident on Chardham Yatra route: इस साल चारधाम यात्रा मार्ग पर हुए कुछ हेलीकॉप्टर हादसों के मद्देनजर नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए तथा विमानन प्रशासन बेहतर सुरक्षा उपायों की खातिर नवोन्मेषी समाधान तलाश रहा है। नायडू ने कहा कि विमानन प्रशासन ने देखा है कि पायलटों को अचानक मौसम परिवर्तन के दौरान अपने विमान को उड़ाने और उतारने में कठिनाई होती है, इसलिए वह श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी और बेहतर यातायात नियंत्रण के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं या आपातकालीन 'लैंडिंग' की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं जिससे लोगों और प्रशासन के बीच चिंता पैदा हो गई है। 15 जून को गुप्तकाशी के पास केदारनाथ से लौट रहा 'आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड' का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिससे उसमें सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई थी। इस साल इस तीर्थयात्रा मार्ग पर हेलिकॉप्टर की यह 5वीं दुर्घटना थी।
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सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई : हेलीकॉप्टर दुर्घटना के मद्देनजर चारधाम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा उपायों के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि सुरक्षा और संरक्षा भारतीय नागरिक विमानन का प्राथमिक आधार रहा है। सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा पहलू पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। चारधाम यात्रा के लिए हम सुरक्षा को और भी बढ़ाना चाहते हैं। हम निगरानी बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। हम और अधिक प्रणालियां बना रहे हैं।
नागर विमानन मंत्री ने यहां हेलीकॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन 2025 के अवसर पर कहा कि चूंकि यह एक पहाड़ी क्षेत्र है, ऐसे में वहां हवाई यातायात प्रबंधन चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वहां कोई सिग्नल नहीं है इसलिए हम नए समाधान तलाश रहे हैं ताकि हम बेहतर हवाई यातायात नियंत्रण कर सकें। उन्होंने कहा कि विमानन प्रशासन मौसम संबंधी आंकड़ों से सबसे उपयोगी सूचनाएं जुटाने पर भी काम कर रहा है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta