चंड़ीगढ़। पंचकूला दंगों के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हनीप्रीत (Honeypreet) को कोर्ट से राहत नहीं मिली। हनीप्रीत की जमानत याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। वह देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद है। वह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की दत्तक पुत्री है।
हरियाणा सरकार के वकील ने दलील दी कि 9 सितंबर को हनीप्रीत पर चार्ज फ्रेम होने हैं और हनीप्रीत गवाहों को प्रभावित कर सकती है इसलिए उसे कोई राहत न दी जाए। उसने अपनी जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। वह 1 साल 11 महीने से जेल में बंद है और उसे हाल-फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा।
कोर्ट को हनीप्रीत के वकील विनोद घई ने बताया कि पंचकूला दंगों के कुल 48 आरोपियों में से 40 को नियमित जमानत मिल चुकी है और 4 आरोपियों को अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से मिल गई है तो ऐसे में हनीप्रीत को भी जमानत दी जाए।
वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जब सुरेंद्र धीमान, पवन इंसां और अन्य जिन-जिन आरोपियों पर दंगे करवाने की साजिश के आरोप लगे थे, उनको हाईकोर्ट ने राहत दे दी है तो हनीप्रीत को भी उसी आधार पर जमानत दी जाए। दूसरी ओर हरियाणा सरकार के वकील रमेश कुमार अंबावता ने कोर्ट को बताया कि हनीप्रीत मुख्य आरोपी है और उसके खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं।
हनीप्रीत ने रुपए बांटे थे : हनीप्रीत पर आरोप है कि उसने दंगा भड़काने के लिए 1.25 करोड़ रुपए बांटे थे। सरकारी वकील के अनुसार 2 आरोपियों चमकौर सिंह और पवन बंसल से कुछ राशि प्राप्त भी की गई है। हनीप्रीत के वकील ने कुछ आरोपियों को दी गई जमानत को आधार बनाते हुए उसकी जमानत की अपील करते बताया कि जब गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था और उसके बाद जब पंचकूला में दंगे हुए, उस समय वह डेरा प्रमुख के साथ थी और उसे इन दंगों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। लेकिन इन सबके बाद भी हनीप्रीत को दंगों की साजिश का आरोपी बना दिया गया।
गलत तरीके से फंसाया : अपनी याचिका में हनीप्रीत ने बताया है कि 2 अक्तूबर 2017 को उसने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में है तथा इस मामले में उसे गलत तरीके से फंसाया गया है।
जमानत देने से इनकार किया था : हनीप्रीत को इससे पहले हाईकोर्ट के जस्टिस रामेंद्र जैन ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि हनीप्रीत पर संगीन आरोप हैं और ऐसे आरोपी को कैसे जमानत दी जा सकती है? इस पर हनीप्रीत के वकील का कहना था कि उन्हें पक्ष रखे जाने का मौका दिया जाना चाहिए। इसके बाद 26 अगस्त, सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन जज ने सुनवाई से इंकार कर दिया था।
हनीप्रीत ने अपनी दलील में कहा था कि इन दंगों के बारे में कोई मुझे जानकारी नहीं थी। इसके बाद भी उसे इन दंगों की साजिश का आरोपी बना दिया गया। हनीप्रीत को पकड़ने के लिए हरियाणा पुलिस को काफी समय तक इंतजार करना पड़ा था। कोई 38 दिन फरार रहने के बाद हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, तब से ही हनीप्रीत जेल में बंद है।