लखनऊ। राष्ट्रीय गीत 'वंदेमातरम् 'गाने को लेकर उठे विवादों के बीच उत्तरप्रदेश के मदरसों में मंगलवार को 71वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। वंदे मातरम् का गायन नहीं किया गया।
देश-विदेश के प्रमुख इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में शुमार लखनऊ के दारुल उलूम नदवा में तिंरगा फहराया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। जन गण मन और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा का गायन हुआ। देश भक्ति की तकरीरें हुईं। स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वालों को याद किया गया।
नदवा के अधिकारी मोहम्मद वकील ने बताया कि आजादी का जश्न तो हर साल मनाया जाता है। लोग अपने -अपने ढंग से मनाते हैं। वंदे मातरम् को लेकर बेवजह कुछ लोग विवाद पैदा करना चाहते हैं। आजादी के जश्न में पूरा देश सराबोर होता है। बच्चे पार्क में जाते हैं। बूढ़े घर पर बातचीत करते हैं, लेकिन जश्न आजादी का ही होता है।
उन्होंने कहा कि आजादी और पाबंदी एक साथ नहीं हो सकती। वंदे मातरम् गवाने की जिद नहीं करनी चाहिए। जिसकी इच्छा होगी गाएगा, जिसकी इच्छा नहीं होगी नहीं गाएगा। आजादी का मतलब यही है। 15 अगस्त को कम से कम किसी चीज के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिये क्योंकि यह आजादी का पर्व है।
झंडारोहण के बाद संस्था के प्रिंसिपल मौलाना सईदुर्रहमान ने कहा कि आजादी की लड़ाई में मदरसों और अन्य मुस्लिम शिक्षण संस्थाओं की अहम् भूमिका रही है। उनकी भूमिका को नजरन्दाज नहीं किया जा सकता। राज्य के अन्य मदरसों में भी स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षोल्लास से मनाने की खबरें हैं। (वार्ता)