पुणे। महाराष्ट्र के पिंपरी चिचवाड़ में वरिष्ठ भाजपा नेता और शिंदे सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंके की घटना 10 पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ गई। पुलिस ने इस मामले में 3 अधिकारियों और 7 अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया।
यह घटना शनिवार को पिंपरी शहर में डॉ. बीआर आंबेडकर और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में पाटिल की विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में हुई थी। बताया जा रहा है कि 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पाटिल की सुरक्षा में चूक को लेकर कार्रवाई की गई है।
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा कि घटना के सिलसिले में हमने 7 पुलिसक्रमियों और 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ये सभी मंत्री के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात थे।
शनिवार शाम उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री पाटिल पर 3 लोगों ने उस समय स्याही फेंकी थी, जब वह पिंपरी में एक पदाधिकारी के घर से बाहर निकल रहे थे। पुलिस ने इस हरकत में शामिल तीनों लोगों को हिरासत में लिया है।
दरअसल, शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में पाटिल ने मराठी में कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा, उन्होंने स्कूल और कॉलेज शुरू करने के लिए धन इकट्ठा करने के वास्ते लोगों से भिक्षा मांगी। भिक्षा शब्द के प्रयोग से विवाद खड़ा हो गया।
स्याही फेंके जाने की घटना के बाद पाटिल ने राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से सुरक्षा में चूक को लेकर किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मी के खिलाफ कार्रवाई न करने का अनुरोध किया था। पाटिल ने यह भी कहा था कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta