अहमदाबाद। गुजरात में एक उपभोक्ता अदालत ने बहु ब्रांड कपड़ों के खुदरा विक्रेता को एक ग्राहक से कागज के थैले के लिए 10 रुपए वसूलने के लिए उन्हें 1500 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (अहमदाबाद ग्रामीण) के अध्यक्ष जेजे पांड्या ने विक्रेता को यह भी निर्देश दिया कि वह थैले के लिए शिकायतकर्ता मौलिन फादिया से वसूले गए 10 रुपए 8 फीसदी ब्याज के साथ उन्हें लौटाए।
अपने 29 जून के आदेश में आयोग ने उपभोक्ता की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और विक्रेता को आदेश दिया कि वह मानसिक उत्पीड़न के लिए 1,000 रुपए और मुकदमे के खर्च के तौर पर 500 रुपए दे। यह आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ है जिसमें कहा गया है कि आदेश पारित होने के 30 दिन के अंदर विक्रेता थैले के लिए वसूले गए गए 10 रुपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ उन्हें वापस करे।
शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने एक राष्ट्रीय खुदरा ब्रांड के एक स्टोर से 2,486 रुपए का सामान खरीदा था और यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उस थैले के लिए 10 रुपए का शुल्क लिया गया था जिस पर ब्रांड की विभिन्न शाखाओं के बारे में जानकारी छपी थी।
शिकायतकर्ता को लगा कि कागज के थैले के लिए उनसे गलत तरीके से पैसे वसूले गए हैं और इसलिए उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और खुदरा विक्रेता को उनके मानसिक उत्पीड़न के लिए 25,000 रुपए और उपभोक्ता कल्याण कोष में 25,000 रुपए जमा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।(भाषा)