जयपुर। मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में 30 अगस्त को ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट एवं इंटरप्रेन्योरशिप एजुकेशन ट्रेनिंग (एचआरडीईई) पर इंटरनेशनल इंटरेक्शन सेमिनार का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट प्रो. संदीप संचेती के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
इस अवसर पर प्रो. संदीप संचेती ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर तथा मणिपाल एजुकेशन ग्रुप की जानकारी देते हुए इनकी गतिविधियों के बारे में बताया। साथ ही एमयूजे में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रम एवं सुविधाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागियों से विश्वविद्यालय का भ्रमण कर विद्यार्थियों, फेकल्टी सदस्यों से इंटरेक्शन कर जानकारी लेने का आह्वान किया।
सेमिनार में विश्वविद्यालय के तापमी स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. रघुवीर सिंह ने क्वालिटिव इंनपरेटिव फॉर हायर एजुकेशन इन इंडिया विषय पर अपने संबोधन में भारत सरकार की शिक्षा नीतियों, शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षा के उद्देश्य, देश में संचालित सरकारी, गैर सकारी एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों के संचालन की प्रक्रिया एवं इनमें संचालित यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने शिक्षा के विजन एवं मिशन, रिसर्च, क्लासरूम टीचिंग के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम में इकॉनामिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. एनडी माथुर ने राजस्थान में सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने फ्लेगशिप स्कीम्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विकास जरूरी है एवं विकास के अपने आप में अनेक फायदे हैं।
उन्होंने वैश्वीकरण पर प्रकाश डालते हुए वैष्वीकरण के विकास में योगदान की बात कही व इसके फायदे भी बताए। उन्होंने इकॉनामिक रिफार्म की बात करने हुए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि की राजस्थान में विकास एवं राज्य की सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आमजन के वेलफेअर एवं उनके विकास की बात कही।
उन्होंने बालिका शिक्षा, गर्ल चाइल्ड रेशो, भामाशाह स्कीम, राजस्थान संपर्क पोर्टल, अन्नपूर्णा भंडार, हैल्थ स्कीम सहित प्रदेश की जल संरक्षण एवं स्वावलंबन, कम कीमत में गुणवत्तायुक्त उत्पादों, रेवेन्यू लोक अदालत, ग्रामीण गौरव पथ, स्वच्छ भारत अभियान, स्कील डेवलपमेंट, रोजगार, ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट, सेनीटेशन फेसेलिटीज, स्वच्छ पीने योग्य पानी सहित अनेक योजनाओं की विस्तार से जानकारी से दी।
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. वंदना सुहाग ने सेमिनार के आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया। रजिस्ट्रार प्रो. वंदना सुहाग, प्रो. रघुवीर सिंह, प्रो. एनडी माथुर ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से शांत किया।
सेमिनार में मिनिस्ट्री ऑफ स्कील डवलपमेंट एवं इंटरप्रेन्योरशिप, भारत सरकार के अधीन संचालित द नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर इंटरप्रेन्योरशिप एवं स्माल बिजनेस डेवलपमेंट एनआईईएसबीयूडी के असिस्टेंट डायरेक्टर, महेंद्र कुमार के दिशा निर्देशन में अफगानिस्तान, इजिप्ट, इथोपिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, नेपाल, फिलिस्तीन, तजाकिस्तान, कैन्या, मालवी, मॉरीशस, सीरिया लिओन, यूगांडा, जिम्बाब्वे, घना, भूटान, जाम्बिया, श्रीलंका, साउथ सूडान, तंजानिया, नाम्बिया सहित विश्व के 22 देशों के 54 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट प्रो. संदीप संचेती ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. रमेश कुमार रावत एवं संचालन डॉ. अर्चना पूनिया ने किया।