कोलकाता/रामपुरहाट। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में 3 महिलाओं और 2 बच्चों समेत 8 लोगों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था। मृतकों के शवों की पोस्टमार्टम जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
रामपुरहाट अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम और अन्य जांच करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञों के प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया।
रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के करीब एक दर्जन मकानों में आग लगा देने से 2 बच्चों समेत कुल 8 लोगों की जलकर मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई।
तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में करीब एक दर्जन मकानों पर कथित तौर पर पेट्रोल बम से हमला कर आग लगा दी गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी।
पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने कथित रूप से लापरवाही बरतने के आरोप में कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल के क्यों न हों।
कांग्रेस की बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी और भाजपा की 5 सदस्यीय केंद्रीय टीम भी बोगतुई गांव का दौरा करेगी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (CID) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।