इंफाल। इरोम चानू शर्मिला ने कैदियों से मिलने के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का सोमवार को विरोध किया। शर्मिला सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को समाप्त करने की मांग को लेकर 15 साल से अनशन पर हैं।
उन्होंने यहां अदालत से निकलने के बाद कहा कि ‘मुझ जैसे किसी कैदी से मिलने के लिए एक लाख रुपए जमा करने की गृह मंत्रालय की शर्त और कुछ नहीं बल्कि देश में राजनैतिक कैदियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त करने के लिए है।’
वह आम पेशी के तहत दिन में अदालत के समक्ष उपस्थित हुईं। यह उनके उपवास का 15 वां साल है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर को निर्धारित की। गृह मंत्रालय ने वृत्तचित्र बनाने के लिए जेलों में एनजीओ और फिल्मकारों के प्रगु वेश का नियमन करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किया था। (भाषा)