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जयललिता का निवास बने स्‍मारक : पनीरसेल्वम

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चेन्नई। अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला पर हमला तेज करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उन्होंने (शशिकला ने) ही दिवंगत जयललिता के साथ विश्वासघात किया और कहा कि अम्मा के पोएस गार्डेन निवास को स्मारक घोषित कर दिया जाना चाहिए।
अपने को विश्वासघाती कहे जाने पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि ‘वेदा निलयम’ पोएस गार्डन निवास से जयललिता ने जिन लोगों को 2011 में निष्कासित कर दिया था, उन्हें शामिल कर शशिकला ने अम्मा के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि जयललिता के निवास, जहां शशिकला अब भी रह रही हैं, को स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। उनके निजी सामान की सुरक्षा की जानी चाहिए।
 
पनीरसेल्वम ने कहा, उसे स्मारक घोषित करने के संघर्ष की दिशा में यह पहला कदम है। अपने समर्थकों के बीच अन्नाद्रमुक के प्रीसिडयम के अध्यक्ष ई मधुसूदन का स्वागत करते हुए उन्होंने दावा कि निष्कासन के बाद पार्टी में फिर से वापस लिए जाने पर उन्होंने (शशिकला ने) जयललिता को कथित रूप से जो पत्र लिखा था, उसमें उन्होंने यह झूठी घोषणा की कि उन्होंने अम्मा के साथ विश्वासघात करने की बात सोची तक नहीं थी।
 
ई मधुसूदन शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के विरूद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, शशिकला कह रही हैं कि मैंने विश्वासघात किया। किसने विश्वासघात किया? वर्ष 2012 में अम्मा को उनके द्वारा लिखा गया पत्र ही बताएगा।
 
अपने समर्थकों के सामने यह पत्र पढ़ते हुए पनीरसेल्वम ने दावा किया कि शशिकला ने खुद ही माना कि उनके रिश्तेदारों एवं मित्रों ने जो कुछ किया, वह अक्षम्य है और ‘खुल्लमखुल्ला विश्वासघात’ है। पनीरसेल्वम ने कहा कि ऐसे में क्या उन लोगों को दिवंगत मुख्यमंत्री के घर में शामिल कर उन्होंने विश्वासघात नहीं किया है। 
 
उन्होंने कहा, लोग उन्हें सबक सिखा देंगे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शशिकला ने तब कहा था कि वह सार्वजनिक जीवन में नहीं उतरना चाहतीं, उन्हें सत्ता या पद में रुचि नहीं है, लेकिन अब वह नौटंकी कर रही हैं और सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही हैं।
 
उन्होंने कहा, मैं अम्मा के गुजर जाने के बाद पार्टी के हितों को ध्यान में रखकर ही मुख्यमंत्री बनने पर सहमत हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के दो दिन बाद परिस्थितियां बदलने लगीं, जब उनसे कहा गया कि शशिकला को महासचिव बनना चाहिए तो मैंने कहा कि अकस्मात यह बदलाव क्यों?
 
पनीरसेल्वम ने कहा, मुझसे कहा गया कि वह एकजुटता के साथ पार्टी को आगे ले जाने की स्थिति में होंगी और मैंने भी यह विश्वास कर लिया। उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पार्टी के साथ विश्वासघात करने के इरादे से मुख्यमंत्री की कुर्सी भी हथियाना चाही।
 
उन्होंने कहा कि ‘विश्वासघात का ड्रामा’ करने और ‘सत्ता हथियाने के लिए’ शशिकला ने मंत्रियों से उनके विरुद्ध आवाज उठावाई और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हें आसीन करने के पक्ष में आवाज बुलंद करवाई। ऐसा करके शशिकला ने मुख्यमंत्री का पद छोटा बना दिया। (भाषा) 

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