ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान मची भगदड़ की घटना पर राज्य सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। ओडिशा की मोहन माझी सरकार ने पुरी के जिला कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया है। सरकार ने डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने चंचल राणा को पुणे का नया कलेक्टर बनाया है जबकि पिनाक मिश्रा को नए एसपी के रूप में कार्यभार सौंपा गया है।
कब और कैसे मंदिर जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और लगभग 50 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना तड़के लगभग चार बजे हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के निकट एकत्र हुए थे। उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जिस अस्पताल में घायलों का इलाज हो रहा है, वहां के एक अधिकारी ने कहा, 50 घायलों में से 6 लोग अब भी होश में नहीं आए हैं और उनकी हालत बहुत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गयी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं की एक झलक पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर एकत्र हो गए थे, क्योंकि अनुष्ठान के तहत भगवान के चेहरों पर से पाहुड़ा (कपड़ा) हटाया जाना था।
मौसी से मिलने जाते हैं भगवान जगन्नाथ
भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पुरी में रथ यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे थे। श्री गुंडिचा मंदिर को भगवान का मौसी का घर माना जाता है, यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं। भगवान की वापसी की यात्रा को बहुदा यात्रा के नाम से जाना जाता है जो इस साल 5 जुलाई को होगी।
मुख्यमंत्री ने जनता से मांगी माफी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को पुरी में एक मंदिर के पास भगदड़ के लिए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से क्षमा मांगी। इस घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। माझी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं। हम भगदड़ में अपनी जान गंवाई वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं... महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा चूक की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
माझी ने कहा कि यह लापरवाही अक्षम्य है। सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी और मैंने निर्देश दिया है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। अधिकारियों ने बताया कि घटना तड़के करीब चार बजे की है जब सैकड़ों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास इकट्ठा हुए। उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 6 लोगों की हालत गंभीर है। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma