अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में बुधवार सुबह मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 'पहिंद विधि' (रथयात्रा की शुरुआत से पहले इसके मार्ग में सोने की झाडू लगाने की विधि) कर भगवान जगन्नाथ की 139वीं वार्षिक रथयात्रा की शुरुआत की जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में भी सैकड़ों छोटी-बड़ी रथयात्राएं निकाली जा रही हैं जिससे पूरा राज्य एक तरह से भगवान जगन्नाथमय हो गया है।
अहमदाबाद के संवेदनशील पुराने इलाके से गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा के लिए पूरे मार्ग पर करीब 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जबकि अर्द्धसैनिक बलों और असम तथा नगालैंड सशस्त्र पुलिस के दस्तों और गुजरात राज्य रिजर्व पुलिस बल समेत कुल मिलाकर 15,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। मार्ग की हवाई निगरानी के लिए नेत्र ड्रोन भी लगाए गए हैं।
सुबह यहां जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रवाना हुई रथयात्रा दोपहर बाद भगवान की मौसी के घर के प्रतीकस्वरूप सरसपुर पहुंचेगी, जहां विश्राम के बाद देर शाम तक वापस मंदिर लौट जाएगी। वहां हजारों श्रद्धालु प्रसादस्वरूप भोजन भी करेंगे। रथयात्रा पुराने शहर के शाहपुर और दरियापुर जैसे संवेदनशील विस्तारों से भी गुजरेगी।
भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के 3 रथों के पीछे रथयात्रा में सैकड़ों अखाड़े, भजन मंडलियां और हाथी-घोड़ों का लाव-लश्कर भी है। इसके साथ हजारों लोगों की भीड़ भी चल रही है जिनमें करतबबाज और साधु-संत भी शामिल हैं।
सुबह मुख्यमंत्री ने 'पहिंद विधि' कर 'जय जगन्नाथ' और 'जय रणछोड़ माखनचोर' के जयघोषों के बीच रथयात्रा को रवाना किया। इसके मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी कामना है कि राज्य और देश का कल्याण हों और विकास के नए मार्ग प्रशस्त हों।
गौरतलब है कि पारंपरिक रूप से मुख्यमंत्री ही यहां रथयात्रा की 'पहिंद विधि' करता है। वर्ष 2014 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी पटेल ने उसी साल यह विधि करने वाली पहली महिला होने का गौरव भी हासिल किया था। इस वर्ष उन्होंने लगातार तीसरी बार यह विधि की।
उधर राजधानी गांधीनगर, राजकोट, सूरत, भावनगर, वडोदरा, जामनगर, जूनागढ, अमरेली, दाहोद समेत राज्य के विभिन्न छोटे-बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी रथयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। लोगों में इसे लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। (वार्ता)