अहमदाबाद। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही तथा वहां हालिया हिंसक घटनाओं के बावजूद पर्यटन उद्योग वापस पटरी पर लौटने लगा है तथा इस वर्ष अगस्त तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वहां जाने वाले पर्यटकों की संख्या में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
यहां एक पर्यटन मेले में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधि के तौर पर भाग लेने आए राज्य के पयर्टन निदेशक आरके वर्मा ने शुक्रवार रात यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के तीनों क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर घाटी तथा लेह-लद्दाख में पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष अगस्त तक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में करीब 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा यह एक अच्छा संकेत है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ तथा हालिया हिंसक घटनाओं के बावजूद वहां भी पर्यटन में बढ़ोतरी हुई है। पर्यटन विभाग कई और कदम उठा रहा है जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
वर्मा ने बताया कि कई बार राज्य से सबंधित खबरों को नकारात्मक तरीके से पेश किए जाने का खामियाजा पर्यटन उद्योग को भुगतना पड़ता है, क्योंकि नकारात्मक छवि के कारण पर्यटकों के मन में डर पैदा होता है। इससे निपटने क लिए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने हाल में एक पेशेवर जनसंपर्क एजेंसी की सेवाएं ली है और इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन ने शुक्रवार को शाम यहां गुजराती पर्यटकों को लुभाने के लिए एक सांकेतिक रोड शो भी आयोजित किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कश्मीर से लौटे कई पर्यटकों ने अपने अनुभव साझा किए। उनमें से अधिकतर का कहना था कि आम धारणा के विपरीत कश्मीर में पर्यटकों के लिए खतरे जैसी कोई बड़ी बात नहीं है। (वार्ता)