श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष कवींद्र गुप्ता की ओर से मीडिया से माफी मांग लिए जाने के बाद मीडियाकर्मियों ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय वापस ले लिया।
राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के मुद्दे पर विधानसभा और विधान परिषद का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था। इस सत्र को कवर करने वाले पत्रकारों को राज्य सरकार ने कैमरों और मोबाइल फोन को सदन के अन्दर ले जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके खिलाफ संपूर्ण मीडिया ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था।
सरकार ने मीडियाकर्मियों के बहिष्कार को देखते हुए उन्हें मोबाइल फोन और कैमरों के साथ सदन में जाने की अनुमति दे दी। इसके बावजूद मीडियाकर्मी सदन में नहीं लौटे और अध्यक्ष से मिलने की मांग की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात करके माफी मांगी और आश्वासन दिया कि मीडिया पर दोबारा ऐसी रोक नहीं लगाई जाएगी।
इससे पहले आज नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत विपक्षी पार्टियों के सदस्य मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के लिए गठबंधन सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए देखे गए। विपक्षी सदस्यों ने पूछा, प्रेस कहां है। इसके बाद मीडियाकर्मियों ने दोनों सदनों की कार्यवाहियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया और स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के मीडियाकर्मियों ने प्रेस गैलरी से बाहर निकल गए।
इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री अब्दुल रहमान वीरी और सूचना मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने विधानसभा के बाहर मीडियाकर्मियों से मिलकर उनसे बहिष्कार का निर्णय वापस लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने वीडियो कैमरे, कैमरे और मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दे दी है, लिहाजा मीडियाकर्मियों को बहिष्कार खत्म कर देना चाहिए। (वार्ता)