श्रीनगर। राज्य पुलिस ने गत महीने यहां डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की घटना के संबंध में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने कहा कि पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल एक आतंकवादी 12 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पंडित को भीड़ ने 22 जून को शहर के नौहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद के बाहर पीट-पीटकर मारा डाला था।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है तथा और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। खान ने कहा कि अभी तक 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और सज्जाद अहमद गिलकर नाम का आतंकी 12 जुलाई को बडगाम के रेडबुग इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
उन्होंने कहा कि मृतक अधिकारी की पहचान करने में वक्त लगा क्योंकि उनके चेहरे तथा शरीर को विकृत कर दिया गया था। खान ने इलाके में मौजूद पुलिस अधिकारियों की ओर से ड्यूटी में किसी तरह की लापरवाही बरते जाने के आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मृतक अधिकारी ने संबंधित पुलिस थाने के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया था।
यह पूछने पर कि क्या इस घटना में मीरवायज मौलवी उमर फारूक के समर्थक शामिल हैं, इस पर खान ने कहा कि जांच चल रही है। यह पूछने पर कि क्या इस मामले के संबंध में मीरवायज से पूछताछ की जाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि जिससे भी पूछताछ करने की जरूरत होगी उससे पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मृतक अधिकारी वहां मस्जिद में नमाज पढ़ रहे मीरवायज समेत हर व्यक्ति की रक्षा करने के लिए था।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच तेजी से चल रही है तथा कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं जिससे जांच पूरी होगी और मामले को अदालत में पेश किया जाएगा। खान ने कहा कि पुलिस इस अपराध में शामिल बाकी हमलावरों की पहचान करने के लिए कड़े प्रयास कर रही है और अपराध से संबंधित अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोहे की छड़ जिससे अधिकारी को मारा गया, उनका पहचान पत्र, सर्विस रिवाल्वर (क्षतिग्रस्त हालत में) और उनके सेल फोन को बरामद कर लिया गया है।
मुनीर खान ने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि अहम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए लोग आगे आए जिससे जांच में ठोस प्रगति हुई। उन्होंने कहा कि दूसरे मामलों से इतर समाज के विभिन्न तबकों ने इस घटना की व्यापक निंदा की। आम जनता व प्रत्यक्षदर्शी जांच में मदद करने और अहम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए खुद आगे आए। इससे हम सही दिशा में आगे बढ़े। खान ने बताया कि शुरूआती चरण में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की गई जिससे बाद में गिरफ्तारियां की गईं और सबूत बरामद किए गए।
अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने के घटनाक्रमों को जोड़ते हुए पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि उपद्रवियों का एक समूह आतंकी जाकिर मूसा के समर्थन में और हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवायज उमर फारूक के ‘स्वागत के लिए’ नारे लगाते हुए मस्जिद से बाहर आया।
खान ने कहा कि चार उपद्रवियों ने मस्जिद से बाहर आते हुए डीएसपी को देखा और उन्हें बुलाया तथा उनसे पूछताछ करने लगे। उन्होंने उनसे पहचान पत्र मांगा जिसे दिखाने से उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने अधिकारी से हाथापाई करनी शुरू कर दी और कई उपद्रवी इकट्ठे हो गए।
अधिकारी ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से कमर के नीचे कुछ गोलियां चलाईं, जिससे तीन हमलावर घायल हो गए जो उनके एकदम निकट थे तथा उनसे हाथापाई कर रहे थे। हालांकि भीड़ उनकी पिटाई करती रही जिससे उनकी मौत हो गई।