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कश्मीर में स्कूलों पर फिर 'बंदी' का साया

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कश्मीर में करीब आठ महीनों के बाद स्कूल खुले हैं। स्कूलों के खुलने से रौनक तो लौटी है पर इन स्कूलों पर फिर से ‘बंद’ होने का साया मंडराने लगा है। यह साया अधिकारियों की उस आशंका के कारण मंडराने लगा है जिसमें वे कहते हैं कि पाकिस्तान की शह पर अलगाववादी तथा पत्थरबाज गर्मियों की शुरुआत के साथ ही कश्मीर को एक बार फिर सुलगाने की तैयारी में हैं।
जम्मू के सर्दियों वाले क्षेत्र के अंतर्गत आए इलाकों तथा कश्मीर डिवीजन व अन्य क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को कई महीनों की छुट्टी के बाद बुधवार को खोला गया। घाटी के स्कूलों में सर्दी की छुट्टी और वहां के तनावपूर्ण माहौल के कारण बंद किया गया था।
 
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार को स्कूलों को खोल दिया गया। हमें उम्मीद है कि घाटी में अब शांतिपूर्ण माहौल रहेगा, ताकि छात्रों का बहुमूल्य पढ़ाई का समय दोबारा खराब न हो।
 
हालांकि बर्फ वाले उत्तरी कश्मीर के इलाके जैसे गुरेज, मच्छेल, टंगधार और केरन के स्कूलों में 12 मार्च तक छुट्टी है। इन स्कूलों को 13 मार्च को खोला जाएगा। 8वीं कक्षा तक में गत वर्ष 17 दिसंबर से ठंड की छुट्टी कर दी गई थी, 9वीं से 12वीं तक 24 दिसंबर से छुट्टी की गई थी।
 
याद रहे कश्मीर घाटी में पिछले वर्ष हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद तनावपूर्ण माहौल के कारण यहां करीब 6 माह तक पढ़ाई नहीं हो पाई। वहीं अलगाववादियों की ओर से जारी बंद की वजह से मुसीबतें और बढ़ गईं। हालांकि राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से बड़े पैमाने पर 10वीं और 12वीं की परीक्षा में छात्रों ने हिस्सा लिया। जिसका इस वर्ष जनवरी में परिणाम घोषित किया गया।
 
इस बीच अधिकारियों का कहना है कि गर्मी की शुरुआत के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों के लिए सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों का नियंत्रण छुपे हुए आतंकवादियों के सफाए के मुकाबले बड़ी चुनौती साबित होगी। सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को इस आशंका से अवगत कराया है। 
 
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय स्तर पर इसकी काट के लिए माथापच्ची चल रही है। एनएसए अजीत डोभाल ने पिछले हफ्ते सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर एक खाका भी तैयार किया है।
 
डोभाल जल्द ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ इस मुद्दे पर बैठक करेंगे। इस मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीने में इकट्ठा हुई जानकारी के मुताबिक, कश्मीर में बर्फ पिघलने के बाद सड़क पर प्रदर्शनकारियों को उतार सुरक्षाबल से टकराव की व्यापक योजना है। इसमें पाक समर्थित आतंकी और अलगाववादी तत्व सक्रिय हैं और अगर ऐसा होता है तो स्कूलों पर बंदी का साया पैदा हो जाएगा। 

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