जम्मू। वर्ष 2019 में कश्मीर को आतंकियों से मुक्त बनाने के दावों के बीच 6 युवक आतंकवाद की राह पर निकल पड़े हैं। इंजीनियरिंग के 2 छात्रों और 1 पुलिसकर्मी के पुत्र समेत 6 युवकों के आतंकी संगठनों में शामिल होने की आशंका है। इनमें 2 युवकों का संबंध प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आतंकियों से रहा है।
पुलिस अधिकारी इन युवकों के आतंकी बनने की पुष्टि से बचते हुए कह रहे हैं कि इनका पता लगाने के लिए सभी संभावित पहलुओं के आधार पर जांच की जा रही है। उन्होंने तर्क दिया कि स्थानीय युवकों द्वारा आतंकी बनने पर जिस तरह से सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल की जाती हैं, वैसा अभी तक इन 6 युवकों में से किसी ने नहीं किया है। इनके आतंकी बनने की पुष्टि भी नहीं की जा सकती, लेकिन हम किसी भी आशंका को नहीं नकार सकते।
6 युवकों में 2 जिला बड़ग़ाम में चरार-ए-शरीफ के हैं जबकि 3 अन्य पुलवामा और एक जिला शोपियां का रहने वाला है। इन युवकों का पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एक अन्य लापता नवीद हुसैन टाक के पिता राज्य पुलिस में कांस्टेबल हैं। श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र नौगाम में स्थित मास्टर प्रो. इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग का छात्र नवीद हुसैन 19 जनवरी से गायब है।
पुलिस विभाग के जांच अधिकारियों ने बताया कि नवीद सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा है। फेसबुक पर उसके कुछ आपत्तिजनक पोस्ट के आधार पर मई 2018 में पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई भी की थी। वह मल्हूरा शोपियां के रहने वाले आतंकी बुरहान कोका का करीबी दोस्त था। बुरहान कोका कश्मीर में अल कायदा की आवाज बने अंसार उल गजवाए हिन्द का नामी आतंकी और जाकिर मूसा का खास है।
जानकारी के लिए, जुलाई 2016 में आतंकी बुरहान की मौत के बाद कश्मीर में स्थानीय युवकों के आतंकी बनने के मामले बहुत बढ़े हैं। तब से लेकर अब तक 250 स्थानीय युवकों ने आतंकवाद का रास्ता चुना है।