श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल नरेंद्रनाथ वोहरा ने बुधवार को राज्य पुलिस महानिदेशक को क्रॉस एलओसी ट्रेड में शामिल सभी व्यापारियों की एक माह के भीतर जांच करने और आवश्यक दस्तावेज जमा न करने व संदिग्ध चरित्र अथवा गतिविधियों वाले सभी व्यापारियों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया है। उन्होंने दोनों व्यापारिक केंद्रों पर 60 दिनों में सीसीटीवी स्थापित करने और ट्रकों की आवाजाही के लिए रोस्टर व्यवस्था को पूरी तरह बहाल करने का भी आदेश दिया।
राज्यपाल ने उपरोक्त निर्देश यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर व उस कश्मीर के बीच जारी ड्यूटी फ्री क्रॉस एलओसी व्यापार से संबधित मुददों पर विचार-विमर्श के दौरान दिए। उन्होंने ट्रकों की आवाजाही और आयात-निर्यात में शामिल व्यापारियों का मासिक रोस्टर व्यवस्था ऑनलाइन करने और प्रत्येक माह की पहली तारीख को उसे सार्वजिनक करने के लिए कहा।
दरअसल भारत-पाकिस्तान के बीच एक समझौते के बाद जम्मू-कश्मीर और उस पार वाले कश्मीर के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अक्टूबर 2008 में यह व्यापार शुरू किया गया था। इस व्यापार में सिर्फ जम्मू-कश्मीर और उस कश्मीर के व्यापारी अनुमोदित 21 वस्तुओं का ही आयात-निर्यात कर सकते हैं।
करमुक्त यह व्यापार पूरी तरह बार्टर है। इसमें नकद लेन-देन की बजाय सामान के बदल सामान का लेन-देन होता है। क्रास एलओसी व्यापार के तहत सप्ताह में चार दिन ही व्यापारिक ट्रकों का आदान-प्रदान होता है। जम्मू संभाग में चक्कां दा बाग से गुलाम कश्मीर के रावलाकोट और कश्मीर संभाग में उड़ी से उस कश्मीर के चकोटी मुजफराबाद के बीच ट्रकों की आवाजाही होती है।
राज्यपाल एनएन वोहरा ने प्रधान सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को इस व्यापार के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करने और व्यापार में शामिल दोनों तरफ के व्यापारियों के खातों का हर 3 महीने बाद जांच व मिलान करने को यकीनी बनाने के लिए उचित कदम उठाएं। उन्होंने सभी व्यापारिक ट्रकों की एक स्थान पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था के साथ साथ नशीले और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी रोकने और वास्तविक दामों से कहीं कम दामों पर सामान के मूल्यांकन की संभावना को भी रोकने की व्यवस्था भी करने को कहा।
उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि कोई भी व्यापारी अपनी बारी अथवा क्रम पर किसी दूसरे व्यापारी को आयात-निर्यात का मौका न दे। इसके साथ ही उन्होंने उद्योग विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि किसी भी पंजीकृत व्यापारी का कोई संबंधी, मित्र या परिवार का सदस्य इस व्यापार में गैरकानूनी तरीके से लिप्त नहीं होना चाहिए।
बैठक में राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास और के. विजय कुमार के अलावा मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, राज्य पुलिस महानिदेशक एसपी वैद, राज्यपाल के प्रमुख सचिव उमंग नरुला, प्रमुख सचिव गृह विभाग आरके गोयल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव शैलेंद्र कुमार, एडीजीपी सीआईडी एजी मीर व अन्य संबधित अधिकारियों ने भाग लिया।