लखनऊ। उत्तरप्रदेश पुलिस ने कहा कि उसने हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। यूपी पुलिस के डीजीपी ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि हत्या के मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। डीजीपी ने दावा किया कि कमलेश तिवारी को पूरी सुरक्षा दी गई थी। डीजीपी ने कहा कि गुजरात एटीएस की मदद से हत्या की पहेली को सुलझा लिया गया है। डीजीपी ने कहा कि हत्या की साजिश रचने के आरोप में सूरत से 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी (Hindu samaj pary) के नेता कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था।
डीजीपी ने कहा कि दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। डीजीपी ने कहा कि मौलाना मोहसिन शेख, रशीद पठान और फेजान को हत्या की साजिश रचने में गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी ने कहा कि घटनास्थल पर मिला मिठाई का डिब्बा आरोपियों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण सुराग बना। सीसीटीवी कैमरे से भी आरोपियों की निशानदेही की गई।
डीजीपी ने कहा कि पूरे मामले का आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं पाया गया है। इस मामले में 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
यूपी पुलिस ने गुजरात एटीएस के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाया। डीजीपी ने कहा कि आरोपी भगवा कपड़ा पहनकर आए थे। डीजीपी ने कहा कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए विवादित बयान से आरोपी नाराज थे और इसके बाद उन्होंने हत्या की साजिश रची।