बठिंडा/मुंबई। कंगना रनौत की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। पंजाब की महिला किसान महिंदर कौर ने अभिनेत्री रनौत के खिलाफ बठिंडा की अदालत में शिकायत दर्ज कराई है। कंगना ने ट्विटर पर महिंदर कौर को 'शाहीन बाग की दादी' बताया था।
कौर के वकील रघबीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यह शिकायत भादंसं की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत दर्ज की गई है। वकील ने कहा कि अदालत ने शिकायत पर सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की है।
अपनी शिकायत में पंजाब की 73 वर्षीय महिला किसान ने कहा कि अभिनेत्री ने एक अन्य महिला से तुलना करते हुए ट्वीट में उनके खिलाफ 'झूठा आरोप और टिप्पणियां' कीं। उनका कहना था कि वह वही 'दादी' हैं जो शाहीन बाग विरोध का हिस्सा थीं।
कौर ने शिकायत में आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणियां कर अभिनेत्री ने मेरी प्रतिष्ठा को कम किया। शिकायत के अनुसार, 'गलत और अपमानजनक' ट्वीट के कारण, शिकायतकर्ता को गंभीर मानसिक तनाव, पीड़ा, उत्पीड़न, अपमान आदि का सामना करना पड़ा है।
यहां के बहादुरगढ़ जांदियां गांव की रहने वाली कौर ने कहा कि रनौत ने बिना शर्त माफी भी नहीं मांगी है। बॉलीवुड अभिनेत्री ने शाहीन बाग की दादी के नाम से मशहूर बिलकिस बानो और महिंदर कौर की तस्वीरें साझा की थी। बाद में कंगना ने यह ट्वीट हटा लिया था।
मुंबई में दर्ज कराया बयान : कंगना ने देशद्रोह एवं अन्य मामलों में शुक्रवार को मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में अपना बयान दर्ज कराया। इससे पहले उन्होंने वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्हें अपने विचार प्रकट करने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है।
सीआरपीएफ जवानों की वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा प्राप्त कंगना मुंबई के उपनगर स्थित पुलिस थाने अपने वकील के साथ दोपहर करीब एक बजे पहुंची। उस समय वहां मीडिया का भारी जमावड़ा था। बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ जांच करे।
अदालत ने यह आदेश उस शिकायत पर दिया जिसमें आरोप लगाया था कि कंगना और रंगोली सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट के जरिए नफरत फैलाने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। कास्टिंग डायरेक्टर और फिटनेस ट्रेनर मुनव्वर अली सयैद ने कंगना और उनकी बहन के ट्वीट एवं बयान का संदर्भ देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
कंगना रनौत ने कहा कि मेरी बहन के खिलाफ इसलिए मामला दर्ज किया गया क्योंकि कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों के दौरान डॉक्टरों पर हुए हमले के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि यहां तक कि मेरा नाम भी मामले में जोड़ दिया गया जबकि उस समय मैं ट्विटर पर भी नहीं थी।