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इस्तीफा देकर कर्नाटक की डीएसपी ने श्रम मंत्री को दी यह चुनौती, बवाल...

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बेंगलुरु , बुधवार, 8 जून 2016 (09:29 IST)
बेंगलुरु। कर्नाटक के कुड़लिगी की डीएसपी अनुपमा शिनॉय के इस्तीफे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उनके सपोर्ट में आ गए हैं और उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए कह रहे हैं। इससे पहले भी वे सोशल मीडिया पर चर्चा में रही हैं। यह अफसर पहली बार तब चर्चा में आई थी जब उन्होंने एक मिनिस्टर का फोन होल्ड पर रख दिया था। इसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। 
 
अनुपमा ने क्यों दिया इस्तीफा, और क्यों दी श्रम मंत्री को इस्तीफा देने की चुनौती, इस बारे में उन्होंने सोमवार को अपना इस्तीफा देने के बाद अपने फेसबुक अकाउंट पर जो लिखा उसकी कर्नाटक से लेकर देशभर में चर्चा है। अनुपमा ने लिखा 'रिजाइंड एंड जॉबलेस'। इस अफसर ने कर्नाटक में शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए तमाम कोशिशें की।
 
इन्होंने शराब के गैरकानूनी बिजनेस पर रोक लगाने के लिए प्रेस रिलीज जारी कर लोगों से सहायता तक मांगी थी। यह भी कहा जा रहा है कि शराब माफिया के दबाव में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वो शराब माफिया के आगे कभी घुटने नहीं टेकेंगी, भले ही उन्हें नौकरी ही क्यों न छोड़नी पड़े।
 
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राज में 'रम राज्य' होने का भी इशारा किया है। अनुपमा ने इस्तीफा देने के बाद राज्य के श्रम मंत्री पीटी परमेश्वर नायक को चुनौती देते हुए फेसबुक पर लिखा, 'मैंने तो इस्तीफा दे दिया है। आप कब देंगे'? गौरतलब है कि करीब दो महीने पहले नायक का फोन होल्ड पर रखने के कारण अनुपमा का ट्रांसफर कर दिया गया था।
 
दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उनके इस्तीफे के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। अनुपमा शेनॉय ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राज में 'रम राज्य' का बोलबाला होने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर अनुपमा को समर्थन मिल रहा है। 
 
अनुपमा ने अपने इस्तीफे का स्पष्ट कारण नहीं बताया। इस्तीफा देने से एक दिन पहले अनुपमा ने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल फोटो भी अपडेट की थी जिसमें लिखा था, जब अन्याय कानून बन जाए, तो बागी होना कर्तव्य बन जाता है। सोशल मीडिया पर अनुपमा को लोगों का समर्थन मिल रहा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए लोगों ने कई पेज बनाए है।
 
उनके इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर लोग उनसे इस्तीफा वापस लेने की अपील कर रहे हैं।
एक यूजर ने फेसबुक पर लिखा है कि यह सब जिला प्रभारी और मंत्री पी टी परमेश्वर नायक की करतूत है। इस पोस्ट के जवाब में अनुपमा ने लिखा है, 'I like it'।
 
उल्‍लेखनीय है कि बेल्लारी जिले के कुडलिगी में डिप्टी सुपरिन्टेंडेंट ऑफ पुलिस के रूप में तैनाती के दौरान जनवरी में अनुपमा ने मंत्री की फोन कॉल को होल्ड पर रख दिया था, जिसकी वजह से वे नाराज़ हो गए थे। बाद में एक खबरिया चैनल पर मंत्री पीटी परमेश्वर नायक को कैमरे पर अनुपमा का तबादला करवा देने के बारे में बातें करते कैद किया गया। लेकिन काफी हंगामे के बाद फरवरी में अनुपमा को बहाल कर दिया गया।
 
जब इस बारे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उनका कहना था कि उन्होंने इस्तीफे के बारे में सुना है, लेकिन उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, अधिकारी मामले को देख रहे हैं, मुझे इसके बारे में पता नहीं है। अधिकारियों का कहना है अनुपमा ने इस्तीफा भेज दिया है, वह डीजी (पुलिस महानिदेशक) के पास पहुंच गया है, वही इसके बारे में देखेंगे। व़हीं दूसरी ओर अनुपमा के इस्‍तीफे को लेकर पुलिसबल के भीतर भी अटकलें जारी हैं।
 
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के पद से रिटायर हुए गोपाल होसुर ने बताया कि उन्हें इस ख़बर से काफी हैरानी हुई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के मामलों में भी अफसर का कर्तव्य होता है कि उसका विरोध करे, उसके खिलाफ आवाज़ उठाए। और अगर वरिष्ठ अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो वह खुद भी कानून का पालन करवा सकती थीं।


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