बेंगलुरु। पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और गोवा के साथ कावेरी और महादेई नदियों के जल को लेकर हुए विवाद को लेकर सुर्खियों में बने रहे कर्नाटक में इस साल भाजपा के दिग्गज बीएस येदियुरप्पा की राज्य की राजनीति में वापसी भी एक अहम मुद्दा रही। येदियुरप्पा वर्ष 2018 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के जरिए पुन: सत्ता हासिल करने के लक्ष्य के साथ वापस आए हैं।
इस साल राज्य में हुए उपचुनावों के दौरान 3 में से सिर्फ 1 ही सीट जीत पाने वाली कांग्रेस सरकार को उस समय भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब उसके एक मंत्री को कथित सेक्स सीडी के चलते इस्तीफा देना पड़ा और एक अन्य को सार्वजनिक समारोह के दौरान अपने मोबाइल में अभद्र तस्वीरें देखते पाया गया। अपने 14 मंत्रियों को बर्खास्त करने और इतने ही नए मंत्रियों की भर्ती कर लेने के मुद्दे पर अपनी पार्टी के बीच असंतोष का सामना कर रहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक महंगी घड़ी रखने के मुद्दे पर भी विवादों से घिर गए थे।
भाजपा को अपने संगठन के भीतर असंतोष का सामना करना पड़ा। वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने नवनियुक्त राज्य प्रमुख येदियुरप्पा के एकपक्षीय तरीके से काम करने पर खुले तौर पर नाखुशी जाहिर की थी।
भाजपा ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए लिंगायत दिग्गज येदियुरप्पा को नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री पद का स्पष्ट दावेदार माने जाने वाले येदियुरप्पा ने 150 सीटों का लक्ष्य रखा है। जनता दल (एस) में भी असंतोष के कारण उथल-पुथल रही और पार्टी को राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने वाले अपने 8 विधायकों को बर्खास्त करना पड़ा।
इस साल कर्नाटक में पुलिस अधिकारियों द्वारा सेवा छोड़ने या आत्महत्या करने के मामले सामने आए जिनमें मुख्य वजह कथित दखलंदाजी या प्रताड़ना को बताया गया। कारोबारी क्षेत्र में विजय माल्या से जुड़ी कानूनी लड़ाइयां, विप्रो में आबिद अली नीमचवाला का सीईओ बनना और फ्लिपकार्ट में शीर्ष प्रबंधन स्तर पर फेरबदल सुर्खियों में रहा।
इसरो का बेंगलूरु स्थित मुख्यालय विभिन्न सफल प्रक्षेपणों के कारण चर्चा में रहा। इसके अलावा राज्य में भाजपा और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की हत्या और राज्यसभा चुनाव के दौरान वोट के लिए नकदी के स्टिंग ऑपरेशन कुछ ऐसे मुद्दे थे, जो राष्ट्रीय सुर्खियों में बने रहे।
कर्नाटक पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और गोवा के साथ क्रमश: कावेरी और महादेई नदियों के जल के मुद्दे पर कानूनी और राजनीतिक लड़ाई में उलझा रहा। राज्य में व्यापक स्तर पर हिंसा भी हुई, क्योंकि दोनों ही मुद्दों पर न्यायालय और अधिकरण के फैसले कर्नाटक के पक्ष में नहीं थे। उच्चतम न्यायालय की ओर से तमिलनाडु को पानी देने का निर्देश आने के बाद सितंबर में बेंगलुरु में कावेरी से जुड़ी हिंसा में 2 लोग मारे गए थे। इसके बाद व्यापक आगजनी भी हुई।
गोवा के साथ महादेई नदी के जल बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने के लिए कर्नाटक लंबे समय से प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करता रहा है। कालासा-बंदुरी नाला परियोजना के लिए पानी छोड़ने की मांग के साथ महादेई अधिकरण के समक्ष कर्नाटक की ओर से लगाई गई याचिका को 27 जुलाई के एक अंतरिम आदेश में खारिज कर दिया गया था। इसके बाद राज्य के उत्तरी जिलों में हिंसा शुरू हो गई थी।
खनन क्षेत्र के दिग्गज और पूर्व मंत्री बी. जनार्दन रेड्डी की बेटी की भव्य शादी ने भी विवादों को जन्म दे दिया था। नोटबंदी के कारण आम लोग जहां नकदी की भारी कमी से जूझ रहे थे, वहीं 5 दिन के इस भव्य आयोजन ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। इस शादी के बाद रेड्डी आयकर विभाग के रडार पर आ गए। वे एक नए विवाद से उस समय घिर गए, जब कथित तौर पर आत्महत्या करने वाला उनका कार चालक अपने सुसाइड नोट में यह लिख गया कि उन्होंने (रेड्डी ने) शादी के लिए 100 करोड़ रुपए को सफेद धन में तब्दील कराया था।
येदियुरप्पा को उस समय बड़ी राहत मिली, जब एक विशेष सीबीआई अदालत ने अक्टूबर में उन्हें और उनके 2 बेटों और दामाद को 40 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में बरी कर दिया। इस मामले के कारण उन्हें वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने अक्टूबर 2011 में 3 सप्ताह जेल में बिताए थे। इसके बाद उन्हें जमानत मिली थी।