जम्मू। वादी-ए-कश्मीर में बर्फबारी से पहले ही गुम हो चुके पर्यटक अब फिर से आने लगे हैं, लेकिन इस बार रुख गुलमर्ग की ओर है जो वहां पर स्कीइंग का लुत्फ उठाने के लिए जा रहे हैं। वादी में बर्फ पड़ने के साथ जैसे पेड़ों से पत्ते गायब हुए वैसे ही श्रीनगर से पर्यटक भी लगभग जा चुके हैं। इस समय शहर के सभी होटल, हाउस बोट पर्यटकों के नहीं होने के कारण खाली पड़े हैं।
हाउस बोट एसोसिएशन के प्रधान एमए तुम्मन का कहना है कि हाउस बोट में पर्यटकों का आने का सीजन साल में सिर्फ तीन महीने ही होता है। यह सीजन साल के जून महीने में शुरू होता है और अगस्त तक चलता है। उसका बाद इक्का-दुक्का पर्यटक ही हाउस बोट की ओर रुख करता है।
आहदूस होटल के मैनेजर का भी कहना है कि दिसंबर के समाप्त होने के साथ ही पर्यटक श्रीनगर का रुख नहीं करते है। इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि दिसंबर के बाद देश के अन्य भागों में परीक्षाअों का सिलसिला शुरू हो जाता है, जिसके कारण यहां पर्यटकों का आना नहीं होता।
श्रीनगर के विपरीत वादी में बर्फ पड़ने के साथ ही पर्यटकों का रुख गुलमर्ग की ओर हो जाता है। जो वहां पर स्कीइंग का मजा लेने के लिए देशी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी काफी संख्या में आते हैं। वादी में स्कीइंग के लिए कई स्थान हैं, लेकिन स्कीइंग के शौकीनों की सबसे पहली पसंद गुलमर्ग ही है।
इसका मुख्य कारण है इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण यहां पर पड़ने वाली बर्फ। यहां पर पड़ने वाली बर्फ को स्कीइंग के लिए बेहतरीन माना जाता है। गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि गुलमर्ग में जो ढलाने हैं वह विश्व की सबसे बेहतरीन बर्फीली सैरगाहों में से एक मानी जाती है।
इसके साथ ही विंटर खेलों को बढ़ावा देने के लिए यहां पर विंटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का भी आयोजन हर साल किया जा रहा है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे विंटर खेलों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है वैसे ही यहां पर इन खेलों के शौकीन लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि गंडोला का दूसरा चरण शुरू होने का लाभ भी स्कीइंग प्रेमियों को मिल रहा है। इसके शुरू होने से अब पहले से अधिक ढलानें स्कीइंग के लिए उपलब्ध को रही हैं।