देहरादून। उत्तराखंड में आई प्रलयंकारी प्राकृतिक आपदा को गुजरे तीन वर्ष से ज्यादा गुजर जाने के बाद केदारघाटी में घने जंगलों के बीच सुनसान इलाके में कुछ नरकंकाल बिखरे पड़े मिले हैं, जिससे यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं वे उन श्रद्धालुओं के तो नहीं है जिन्हें आपदा में प्राण गंवाने पड़े थे।
रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राघव लंघर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद तथ्यों का पता लगाने के लिए पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक संयुक्त टीम बनाकर उसे मौके पर भेजा गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अभी इस बारे में हमारे पास कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हमें मीडिया से ही पता चला है कि त्रिजुगीनारायण के आसपास घने जंगल वाले क्षेत्र में कुछ नरकंकाल पड़े हुए हैं। हमें अभी यह भी नहीं पता चला है कि उन्हें किसने देखा और उनकी संख्या कितनी है।
उन्होंने कहा कि थोड़ी-बहुत मिली जानकारी के अनुसार, यह इलाका मानवीय बसावट से काफी दूर है और अभी इसके बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
हालांकि, उन्होंने इस आशंका को खारिज नहीं किया कि ये नरकंकाल उन श्रद्वालुओं के हो सकते हैं जो तीन वर्ष पहले आई आपदा के दौरान प्राण गंवा दिए थे।
लंघर ने कहा कि आपदा के बाद आधिकारिक तौर पर 360 नरकंकाल मिले थे और ज्यादातर लोग नहीं मिल पाए थे। ऐसी परिस्थितियों में किसी भी आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। (भाषा)