Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

केन-बेतवा लिंक परियोजना : बुंदेलखंड की युगांतकारी परिवर्तन वाहिनी

हमें फॉलो करें केन-बेतवा लिंक परियोजना : बुंदेलखंड की युगांतकारी परिवर्तन वाहिनी
, बुधवार, 4 अक्टूबर 2023 (23:46 IST)
- विष्णु दत्त शर्मा
Ken-Betwa Link Project : बुंदेलखंड की दो दशक पुरानी आस अब पूरी हो रही है। 18 साल से लंबित केन-बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ क्षेत्र की प्यास के बुझने के साथ ही जीवन बदलने का ऐतिहासिक पड़ाव भी है। चार दशक से बुंदेलखंड की जनता को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था, वह दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़संकल्प से आ गया है।

जिस सपने को भाजपा सरकार में ही अटल जी ने देखा और देश में 37 नदियों को आपस में जोड़कर जल संकट को दूर करने का बीड़ा उठाया था, जिसमें केन-बेतवा लिंक परियोजनी भी थी। उसे अब पीएम मोदी के नेतृत्व में मूर्तरूप मिल गया है। यह भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना है। इसको अंतरराज्यीय नदी हस्तांतरण मिशन के लिए एक मॉडल योजना के रूप में माना जाता है।

लेकिन दुर्भाग्य से अटल जी के बाद की यूपीए सरकार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। हालांकि उन्होंने बुंदेलखंड की दुर्दशा पर राजनीतिक रोटियां खूब सेकीं। स्मरण रहे कि जब अटल जी ने नदियों को जोड़ने की जो परिकल्पना की थी, उनमें से केन-बेतवा पहला लक्ष्य था। देश में जल के संकट से सर्वाधिक प्रभावित बुंदेललखंड का ही क्षेत्र था, जिसका निदान मानवता की मांग थी। भाजपा सरकार क्षेत्र के इस जीवन-संकट को समझ रही थी।

स्वाधीन भारत में सर्वाधिक राजनीतिक रोटियां बुंदेलखंड के पिछड़ेपन पर ही सेकी गईं। राजनीतिक पर्यटकों ने इसकी दुर्दशा की तस्वीरों को देश-विदेश में भी खूब प्रचारित किया लेकिन जिनके हाथों में सात दशक तक इसके तकदीर की चाभी थी, उन्होंने उससे हर बार छल किया और बुंदेलखंड की दशा जस की तस बनी रही। जिस बुंदेलखंड के वीरता की गाथाएं साहस देती हैं, वहीं बुंदेलखंड पानी के समर में कई दशकों से मात खाता रहा।

उजड़ते गांव और पलायन बुंदेलखंड की त्रासदी का वृतांत बताते हैं। भयानक सूखे की मार से बेहाल हो चुके बुंदेलखंड को कांग्रेस सरकारों ने केवल नारे दिए और हर बार चुनाव बाद भुला दिया। बुंदेलखंड की जनता के जीवन में हर दिन अंधकार और अधिक घना होता गया और सपनों के सौदागर उन्हें सब्जबाग दिखाते रहे। कड़वा सच यह है कि विगत दशकों में बुंदेलखंड से करोड़ों लोग पलायन कर गए। पशुधन को बचाना, कृषि कार्य करना, जीवन के लिए जरूरी पानी जैसी समस्याएं बुंदेलखंड का नसीब बन गईं और जनजीवन में और अंधेरा छाता चला गया।

लेकिन जब सच्ची नीयत वाला नेतृत्व मिलता है तो लोकतंत्र में वह दिन आ ही जाता है, जब एक नया सवेरा अंधेरा छांट देता है। बुंदेलखंड के इतिहास में नरेंद्र मोदी ऐसा सवेरा लाने वाले सूरज की तरह हैं। मोदी जी के नेतृत्व का ही फल है कि जल, वन-भूमि साझाकरण और अधिग्रहण में आने वाली कठिनाइयों से जूझ रही केन-बेतवा लिंक परियोजना अब शुरू हो रही है। यह अकाट्य तथ्य है कि मोदी जी के प्रयास से ही इस महान परियोजना की अनेक अड़चनें दूर हुईं और विश्व जल दिवस पर 8 मार्च को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में यूपी और एमपी सरकारों ने इसके लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

सारी बाधाओं को पार कर अब मोदी सरकार ने 45 हजार करोड़ वाली केन-बेतवा लिंक जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजना को जमीन पर उतारकर यहां समाज-जीवन की सरलता के सारे मार्ग प्रशस्त कर दिए हैं। इस परियोजना में 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी और शेष मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश वहन करेंगे। इसके तहत केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा और 221 किलोमीटर लंबी संपर्क नहर निकाली जाएगी, जो झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी।

केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से नॉन मानसून सीजन (नवंबर से अप्रैल के बीच) में क्रमशः मध्य प्रदेश को 1834 तथा उत्तर प्रदेश को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिल सकेगा। इसका लाभ मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के साथ-साथ शिवपुरी, विदिशा और रायसेन सहित अन्य जिलों को भी मिलेगा।

केन-बेतवा लिंक कार्य के पूरा हो जाने से जहां 8 लाख 11 हज़ार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा पहुंचाई जा सकेगी, वहीं 41 लाख लोगों को सहज तौर पर पीने का पानी मिल पाएगा। बुंदेलखंड में आने वाले उत्तर प्रदेश के 2 लाख 52 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाईं और पेय जल की सुविधा भी इससे मिल सकेगी। बाद में 103 मेगा वाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा की जा सकेगी।

भले ही देश में जल संकट पर छिटपुट चर्चाएं होती रहीं हों, परंतु यह एक अटल सत्य है कि 1999 में एनडीए सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने ही पहली बार नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू किया था। उस समय एक टॉस्क फोर्स का गठन करके आधारभूत कार्य किया गया। इस टॉस्क फोर्स ने देश की नदियों का वर्गीकरण करके एक रूपरेखा रखी कि किन नदियों को जोड़कर देश को पानी की समस्या से मुक्ति दिलाई जा सकती है।

हालांकि 2004 में यूपीए सरकार बनते ही यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई। यूपीए की सरकार ने 10 साल नदी जोड़ो परियोजना की घोर अनदेखी की। यह रवैया कांग्रेस के झूठे विकास की बानगी भी है जो इतिहास के पन्नों में सदा दर्ज रहेगी। कांग्रेस की संवेदनहीनता का परिणाम बुंदेलखंड की जनता को भुगतना पड़ा है। लेकिन अब यहां की जनता का जीवन बदलने का रास्ता खुल गया है।

मोदी सरकार ने सक्रियता से केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए शुरू में ही राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण को इसकी कमान सौंपी तथा प्राधिकरण की मॉनिटरिंग का जिम्मा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को दिया ताकि यह कार्य तेज गति से पूरा हो सके। इसके लिए अप्रैल 2015 में एक स्वतंत्र कार्यबल भी गठित किया था। आज उसी सक्रियता, सुशासन और कार्य-संस्कृति का परिणाम है कि देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में केन-बेतवा लिंक प्रारंभ हो रही है और बुंदेलखंड की जनता का यह महान सपना पूरा हो रहा है।

मोदी सरकार द्वारा निर्मित बुंदेलखंड की जीवनरेखा केन-बेतवा लिंक परियोजना अब यहां युगांतकारी परिवर्तन लाएगी। जल संकट खत्म होने के साथ ही महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। उन्हें मीलों सिर पर पानी ढोने से निजात मिलेगी। पानी की उपलब्धता से स्वच्छता बढ़ेगी और उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड में सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक स्तर ऊंचा होगा। नहरों का विकास होगा, पनबिजली से सस्ती बिजली मिलेगी तथा वनीकरण भी बढ़ेगा।

आर्थिक समृद्धि आने से जीवन बदलेगा और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति रुझान बढ़ेगा तो पर्यटन उद्योग भी निखरेगा। खाद्य संपन्नता और रोजगार के अवसर मिलेंगे तो पलायन पर विराम लगेगा। आज जिस बुंदेलखंड की पहचान अकाल और सूखे की है, वह बुंदेलखंड भविष्य में हरियाली से पहचाना जाएगा। जो बुंदेलखंड गरीबी से जाना जाता है, वह समृद्ध बुंदेलखंड बनेगा और भविष्य में अपने गौरवशाली अस्मिता के साथ सारी दुनिया को आकर्षित करेगा।
(लेखक खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से सांसद व मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं।)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

संजय सिंह की गिरफ्तारी, केजरीवाल का दावा- अभी कई और विपक्षी होंगे गिरफ्तार